छत्तीसगढ़ के गांव-गांव में अब फसलों की सिंचाई की उन्नत तकनीक के नजारे दिखने लगे हैं। किसान अब सिंचाई की उन्न्त पद्धति को अपनाकर कम लागत में बेहतर खेती और अधिक मुनाफा कमाने लगे हैं। ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई को किसानों को भाने लगी है। कम पानी में अधिक रकबे की सिंचाई से खेती-किसानी का रकबा और फसल उत्पादन बढ़ा है। सिंचाई की इस उन्नत तकनीक को अपनाने के लिए राज्य शासन द्वारा किसानों को प्र्रेरित और प्रोत्साहित किया जा रहा है। ड्रिप और स्प्रिंकलर लगाने के लिए किसानों को रियायत भी दी जा रही है।

छत्तीसगढ़ राज्य के मैदानी अंचल के साथ-साथ सुदूर वनांचल के गांव में भी खेतों की सिंचाई के लिए इस उन्नत तकनीक का नजारा देखा जा सकता है। सरगुजा जिले का ऐसा ही एक गांव है ग्राम बांसझाल, जहां कई किसानों ने ड्रिप इरीगेशन तकनीक को अपना कर कम पानी में बेहतर खेती करने से उत्पादन के साथ-साथ इनकी आमदनी बढ़ी है। ग्राम बांसझाल के किसान मदनगोपाल भी ड्रिप इरीगेशन सिस्टम से फसल की सिंचाई कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के उद्यानिकी विभाग द्वारा उनके खेतों में 70 प्रतिशत अनुदान पर सिंचाई के लिए ड्रिप इरीगेशन सिस्टम लगाया गया है। उन्होंने बताया कि इस सिस्टम का उपयोग करने पर जहां पानी की बचत होती है वहीं इससे उत्पादन भी डेढ से दो गुना हो जाता है। इस सिस्टम से सिंचाई कर टमाटर की खेती से उन्हें 6 लाख रूपए की आमदनी हुई है। श्री मदन गोपाल का कहना है कि उनके अतिरिक्त गांव के अन्य किसान भी ड्रिप सिस्टम का उपयोग कर रहे हैं।