अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम जीरो डॉलर प्रति बैरल के नीचे चले गए. हालांकि, अब कीमतों में फिर से तेजी आ रही है. डब्ल्यूटीआई क्रूड के दाम 50 फीसदी बढ़कर 17 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गए हैं. इस पर एक्सपर्ट्स का कहना है कि मौजूदा समय में तो सस्ते कच्चे तेल का फायदा भारत को नहीं मिलेगा. लेकिन 3 मई को लॉकडाउन खुलने के बाद इसका अर्थव्यवस्था और उपभोक्ताओं पर सकारात्मक असर होगा.

केडिया कमोडिटी के एमडी अजय केडिया कहते हैं कि 3 मई के बाद अगर लॉकडाउन हटता है तो भारत की अर्थव्यवस्था को इसका फायदा मिलेगा. क्रूड की गिरती कीमतों से भारत को अपना व्यापार घाटा कम करने में कुछ हद तक मदद जरूर मिलेगी. लेकिन गिरती अर्थव्यवस्था के बीच क्रूड की गिरती कीमतें अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए बहुत ज्यादा मददगार नहीं होंगी. भारत में अभी स्लोडाउन के चलते कंजम्पशन कम है. इसलिए इसका बहुत ज्यादा फायदा नहीं मिलेगा. वैसे भी कच्चे तेल के अधिकांश सौदे भविष्य के आधार पर किए जाते हैं.

ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (ओएमसी), टायर इंडस्ट्री, सिंथेटिक फाइबर प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियां, पेंट कंपनियों और साबुन और डिटर्जेंट कंपनियों को क्रूड की गिरती कीमतों से लाभ हो सकता है.