छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में एक हस्तक्षेप याचिका प्रस्तुत की गई है। इसमें अधिवक्ताओं को प्रकरणों की सुनवाई के दौरान गाउन और कोट से छूट देने की मांग की गई है। याचिका में यह कहा गया है कि कोविड-19 के दौरान उनके गाउन और कोट से विरत रखा जाए, क्योंकि इसे हर दिन नहीं धोया जा सकता। याचिका अधिवक्ता प्रकाश तिवारी ने अधिवक्ता राजीव श्रीवास्तव के माध्यम से प्रस्तुत की है।

इसमें अधिवक्ता अधिनियम के प्रावधान में अधिवक्ताओं द्वारा पहने जाने वाले गणवेश को परिभाषित किया गया है। इस प्रावधान में शिथिलता की मांग करते हुए कोविड-19 के संक्रमण तक गाउन और कोट से अधिवक्ताओं को विरत रखने की मांग की गई है। इसमें यह भी कहा कि हर दिन गाउन और कोट को नहीं धोया जा सकता, इसको हर दिन धोना संभव भी नहीं बताया है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दी है गाउन और कोट न पहनने की छूट
याचिका में प्रकरणों की सुनवाई के दौरान अधिवक्ताओं को गाउन और कोट से छूट देने का आदेश हाईकोर्ट से पारित करने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अधिवक्ताओं की परेशानियों को देखते हुए और महामारी के प्रकोप से बचाव के लिए एक याचिका स्वीकार कर अधिवक्ताओं को गाउन और कोट न पहनने की छूट दी है।