कोविद-19 के संक्रमण से बचाव के लिए सामान्य निर्देशों और फिजिकल डिस्टेसिंग के पालन करने की शर्त पर कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी रजत बंसल ने जिले में पान दुकान, सेलून/नाई दुकान/ब्यूटी पार्लर संचालन की अनुमति दी है। इसके लिए सोमवार से शुक्रवार तक शाम छः बजे तक इन दुकानों के संचालन की अनुमति होगी। बताया गया है कि दुकान में सेनेटाईजर, हाथ धोने का साबून एवं पानी की व्यवस्था करना अनिवार्य है। सेलून/नाई दुकान/ब्यूटी पार्लर के लिए दुकान संचालक को प्रत्येक व्यक्ति के शेविंग, बाल काटने के बाद कंघी, उस्तरा, शेविंग ब्रश एवं कुर्सी को सेनिटाईज करना अनिवार्य होगा। यहां सेवा लेने आने वाले सभी ग्राहक और अन्य को मास्क लगाना जरूरी होगा। दुकान में इंतजार करने के लिए अलग से कुर्सी नहीं रखी जाएगी। संक्रमण से बचाव के लिए ब्लेड इत्यादि जैसे डिस्पोजेबल सामग्रियों का उपयोग के लिए निर्देशित किया गया है। संचालक को दुकान में आने वाले ग्राहक एवं अन्य व्यक्तियों के नाम, पता, मोबाईल नंबर इत्यादि का ब्यौरा अनिवार्य रूप से रखना होगा। बाल कटाने, शेविंग अथवा डाई कराने के लिए ग्राहक को स्वयं का टॉवेल अथवा कपड़ा लाना अनिवार्य होगा। दुकान संचालक को कोविद-19 से बचाव के लिए आवश्यक सूचना, जानकारी संबंधी पोस्टर, पॉम्पलेट, फ्लैक्स का सार्वजनिक प्रदर्शन दुकान में अनिवार्य रूप से करना होगा। साफ तौर पर कहा गया है कि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना के लिए सेलून संचालक जिम्मेदार होंगे।
इसी तरह पान दुकान, पान ठेला संचालन के लिए भी शर्तें रखी गईं हैं। इसके तहत दुकान में सेनिटाईजर, हाथ धोने के लिए साबून एवं पानी की व्यवस्था करना अनिवार्य है। पान ठेले/दुकान में विक्रय किए जाने वाले पदार्थ जैसे सिगरेट, गुड़ाखू, गुटखा, तम्बाकू, पाउच, बीड़ी इत्यादि का सार्वजनिक स्थान/पान ठेले में उपयोग/उपभोग प्रतिबंधित रहेगा। पान ठेले में इन सामग्रियों का केवल विक्रय ही किया जाएगा। कोविद-19 से बचाव के लिए आवश्यक सूचना, जानकारी संबंधी पोस्टर, पॉम्पलेट, फ्लैक्स का सार्वजनिक प्रदर्शन दुकान में करना अनिवार्य है। दुकान मंे आने वाले सभी ग्राहकों को मास्क पहनना अनिवार्य होगा। किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना के लिए पान ठेला संचालक जिम्मेदार होंगे। साफ तौर पर कहा गया है कि लॉकडाउन में जारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति के विरूद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60, भारतीय दण्ड संहिता की धारा 1860 की धारा 188 तथा अन्य सुसंगत विधिक प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी।