भोपाल। प्रदेश में पहली बार उपचुनाव की तैयारी में बसपा ने सभी सीटों पर लडने का ऐलान किया है। बसपा का ग्वालियर चंबल क्षेत्र में 10 से अधिक सीटों पर प्रभाव है। लॉक डाउन के चलते प्रवासी मजदूरों को अपनी चुनावी खेप में खपाने और प्रवासियों में अपना विश्वास जमाने में बसपा कोई कोर कसर नहीं छोड़ने वाली नहीं है। वो इस उपचुनाव में भाजपा का गणित बिगाड़ने का पूरा प्लान बनने में लगी हुई है।
बड़ी संख्या में अन्य राज्यों से मजदूर आए।
मुरैना और ग्वालियर प्रशासन के आकड़ाओ के अनुसार अभी तक कुल 2 लाख से अधिक मजदूर ट्रेनों बसो और अन्य वाहन साधन द्वारा क्षेत्रों में आ चुके है। भिंड और मुरैना में अभी तक कुल 65 हजार मजदूरों का आना हो चुका है जो अभी और बढ़ेगा। जिससे वोट प्रतिशत बढ़ने साथ ही भाजपा का वोट बैंक गणित भी कहीं ना कहीं प्रभावित नजर आएगा।
2018 में कहां कितने वोट मिले ?
बसपा को सुमावली जौरा में क्रमश 31300और 41014 वोट मिले। करेरा और पोहरी विधानसभा में 40 हजार और 52 हजार तक वोट बैंक रहा । वहीं मोरना और अंबाह में 20 हजार से ज्यादा बसपा का वोट बैंक रहा है। दीमनी में भी बसपा प्रत्याशी गेम चेंजर के रूप में उभरे है। 2018 में विधानसभा चुनाव में बसपा को भले ही 2 सीटें मिली हो परन्तु कांग्रेस को फायदा ही मिला था।
तीसरा विकल्प हो सकता है BSP !
उपचुनाव में जहां एक ओर महाराज बनाम कमलनाथ चुनाव होने जा रहा है वहीं मायावती को का एक ट्विट भी खासा लोकप्रिय हो रहा है जिसमें मायावती ने भाजपा की जगह कांग्रेस को निशाना बनाकर भाजपा में ही सेंध मारी है।
मायावती ने ट्विट कर कहा था कि कांग्रेस ने 70 साल में अगर अच्छा काम किया होता तो मजदूरों की ये हालात नहीं दिख रही होती। मायावती का ये कथन ब्बले हो कांग्रेस विरोधी दिखे परन्तु नुक़सान भाजपा का ही है।