भोपाल : किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने बताया है कि प्रदेश में ग्रीष्मकालीन फसलों मूँग एवं उड़द की बिक्री के लिये ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन कार्य शुरू किया जा रहा है। किसान भाई अपनी फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बिक्री के लिये पंजीयन संबंधी कार्यवाही 4 से 15 जून के मध्य पूर्ण कर लें।

मंत्री पटेल ने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2020 में मूँग का संभावित उत्पादन 5.76 लाख मीट्रिक टन होना है। उन्होंने बताया कि उड़द का उत्पादन 40 हजार मीट्रिक टन अनुमानित है। वर्तमान में कुल उत्पादन के 25 प्रतिशत मात्रा मूँग में 1.44 लाख मीट्रिक टन और उड़द में 10 हजार मीट्रिक टन के उपार्जन लक्ष्य को दृष्टिगत रखते हुए प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जा रहा है। मंत्री श्री पटेल ने बताया कि प्रदेश में एक हजार हेक्टेयर से अधिक मूँग का उत्पादन करने वाले 20 जिले तथा उड़द का उत्पादन करने वाले 5 जिले हैं। प्रदेश में 500 से अधिक हेक्टेयर में मूँग का उत्पादन करने वाले 26 जिले तथा उड़द का उत्पादन करने वाले 10 जिले हैं।
मंत्री श्री पटेल ने किसानों से अपील की है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूँग एवं उड़द की बिक्री के लिये निर्धारित समयावधि में सभी ई-उपार्जन पोर्टल पर अपना पंजीयन करायें।

ऑनलाइन डीबीटी व्यवस्था में संशोधन
भोपाल : किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री  कमल पटेल ने जानकारी दी है कि किसानों को अनुदान योजनाओं के लिये ऑनलाइन आवेदन करने पर फिंगर प्रिंट के स्थान पर ओटीपी की सुविधा दी जायेगी। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण काल में सावधानियों को दृष्टिगत रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
मंत्री श्री पटेल ने बताया कि विभागीय विभिन्न अनुदान योजनाओं में ट्रेक्टर, पॉवर ट्रिलर, स्व-चलित कृषि यंत्र, शक्ति चलित कृषि यंत्र, स्प्रिंकलर, ड्रिप, सिंचाई पाइप, विद्युत तथा डीजल पम्प का लाभ दिया जाता है। ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन-पत्र स्वीकार किये जाते हैं। आवेदनों का पंजीयन अधिकृत फिंगर प्रिंट स्केनर डिवाइस या रेटीना के माध्यम से होता है। कृषकों को अपने आवेदन विभिन्न कियोस्क में जाकर प्रस्तुत करने होते हैं।
मंत्री  पटेल ने बताया कि वर्तमान में कोरोना संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए फिंगर प्रिंट डिवाइस के माध्यम से आवेदन लेना ठीक नहीं है। उन्होंने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर कृषकों को ऑनलाइन आवेदन पर ओटीपी की सुविधा दी जा रही है। कृषक अपने मोबाइल फोन या कम्प्यूटर के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत कर सकेंगे। उन्हें मोबाइल फोन पर ओटीपी प्राप्त होगा, जिससे पंजीयन संबंधी आगामी कार्यवाही पूर्ण होगी।
मंत्री  पटेल ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल के समाप्त होने अथवा शासन द्वारा फिंगर प्रिंट डिवाइस आदि के उपयोग को सुरक्षित मान लिये जाने तक उक्त व्यवस्था प्रभावी रहेगी।