मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के बढ़ते तनाव के मद्देनजर चिंता जाहिर किया है। सीएम ने पुलिस महानिदेशक को इस बात को लेकर मानसिक तनाव को दूर करने निर्देश पूर्व में भी दिये थे। मामले को लेकर छत्तीसगढ़ पुलिस ने जवानों के तनाव को दूर करने कार्ययोजना को अंजाम दिया है। इससे मानसिक तनाव को दूर करने में आसानी होगी। ज्ञात हो कि राज्य में पिछले दो सालों से पुलिस विभाग के सेनानियों की तनाव की स्थिति में आत्महत्या के करीब 50 केस सामने आए है जिसमें से 18 पुलिस कर्मी ऐसे थे जिनको बस्तर के जिलों में ड्यूटी लगी गई थी। जोकि नक्सली प्रभावित क्षेत्र है। आज मुख्यमंत्री बघेल के निर्देशानुसार राज्य सरकार ने स्पंदन योजना ऐप लॉन्च किया है। डीजीपी डीएम अवस्थी ने इस संबंध में सभी एसपी आईजी और पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को ऑर्डर भी इश्यू किया है।

डीजीपी ने योजना के तहत सभी पुलिस अधिकारी पुलिस लाईन, थानों और सशस्त्र बल की कंपनियों का भ्रमण किया साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों के सुझाव और परिस्थितियों पर चर्चा की। इस दौरान जवानों के साथ समय व्यतीत भी संबंधित ने किया । जवानों की समस्याओं से रूबरू भी निरंतर हो रहे है।

पुलिस मुख्यालय, रायपुर में पुलिस महानिदेशक ने जिला पुलिस बल और सशस्त्र बल के अधिकारियों, कर्मचारियों से मिलने के लिये माह में 02 बार ‘‘स्पेशल इंटरेक्टिव प्रोग्राम’’ चलाने की बात कही। सभी दुर्गम इलाकों से लगे हुए कैम्पों में मनोविज्ञानी, म्यूजिक थेरेपी, योग शिक्षा, खेलकूद, पुस्तकालय व्यवस्था तत्काल प्रभाव से की जायेगी।

सभी रेंज के पुलिस महानिरीक्षकों को यह निर्देशित किया गया है कि वे अपने रेंज में तत्काल प्रभाव से ‘‘स्पंदन’’ अभियान की शुरूआत करें जिससे जवानों को सहूलियत मिल सके। सभी वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा भी दूरस्थ इलाकों के दौरे किया जाकर, वहॉं पहुंचकर अधिकारियों एवं कर्मचारियों से चर्चा की जायेगी, जिसमें स्वयं पुलिस महानिदेशक भी जायेंगे।