रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद से पुलिस कर्मियों के नए प्रतीक चिन्ह प्रक्रिया निरंतर जारी थी , जो अब ख़त्म हो गयी है। करीब 19 साल बाद अब प्रदेश के पुलिस मुखिया से लेकर आरक्षक तक ये नया प्रतीक चिन्ह उनकी बाजुओं की शोभा बढ़ाएगा। जिसके लिए तैयारी शुरू कर दी गयी है ।

स्पेशल डीजी आरके विज ने पिछले साल 7 मार्च को गृह विभाग को प्रस्ताव भेजा था। स्पेशल डीजी विज के मुताबिक गठन प्रतीक गहरे नीले रंग का हाेगा, जो अपार धैर्य, सहन शक्ति, जिजीविषा, संवेदनशीलता और गंभीरता का प्रतीक है। ढाल यह दर्शाता है कि छत्तीसगढ़ पुलिस लोकतंत्र, संविधान व संपूर्ण प्रभुत्व संपन्नता की ढाल है। ढाल की सुनहरी बॉर्डर सर्वोच्च बलिदान की अद्भुत परंपरा के प्रकाश की प्रतीक है।

अशोक चिह्न सत्यमेव जयते का प्रतीक है। सूर्य रूपी प्रगति चक्र और उसकी फैलती हुई किरणें विकास और श्रेष्ठ जीवन का प्रतीक है, जिसे सुनिश्चित करने के लिए पुलिस कटिबद्ध है। बाइसन हार्न नक्सलवाद, आतंकवाद और अपराधों से देश और समाज की रक्षा करने के लिए अपरिमित बल, रणकौशल का प्रतीक है। गठन प्रतीक में पुलिस का ध्येय वाक्य परित्राणाय साधुनाम महामंत्र सबको परम कर्तव्य का बोध कराता है। यह वाक्य तत्कालीन एडीजी राजीव माथूर की कमेटी ने चयन किया।