स्वयं कमलनाथ बता चुके हैं कितने धोखेबाज है दिग्विजय सिंह
भोपाल। नकारात्मक राजनीति, षडयंत्र रचना, किसी को आगे नहीं बढ़ने देना दिग्विजयसिंह की राजनीति की विशेषताएं हैं। जिस तरह से उन्होंने कांग्रेस की राजनीति में ज्योतिरादित्य सिंधिया जी के खिलाफ षडयंत्र रचे, योग्य होते हुए भी उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां मिलने में रोड़े अटकाए, उन्हें उनके वाजिब अधिकारों से वंचित किया, उसे देखकर यह कहा जा सकता है कि अगर स्व. माधवराव जी आज जीवित होते, तो दिग्विजय सिंह उनके खिलाफ भी वैसे ही षडयंत्र रच रहे होते। दिग्विजय सिंह जैसे नेताओं ने स्व. माधवराव सिंधिया को भी आगे नहीं बढ़ने दिया और उन्हें ग्वालियर तक सीमित रखने के भरपूर प्रयास किए थे। यह अलग बात है कि माधवराव जी अपनी कार्यकुशलता और साहस के बल पर राष्ट्रीय नेता के रूप में उभरे। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष व विधायक रामेश्वर शर्मा ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह द्वारा ज्योतिरादित्य सिंधिया जी के बारे में की गई टिप्पणी पर रोष प्रकट करते हुए कही। शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के षडयंत्रों, चापलूसी और टांग खींचने वाली राजनीति को ठोकर मारकर ज्योतिरादित्य सिंधिया जी ने जिस साहस का परिचय दिया है, उसका पुरस्कार प्रदेश की जनता आने वाले उपचुनावों में देगी।
गला दबाकर सरकार चलाना कांग्रेस की संस्कृति
रामेश्वर शर्मा ने कहा कि दिग्विजयसिंह जी को शिवराज सरकार की चिंता छोड़ देनी चाहिए। इस सरकार पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं है और वह जनता के हित में पूरी ताकत से स्वतंत्रतापूर्वक काम कर रही है। श्री रामेश्वर शर्मा ने कहा कि गला दबा दबाकर सरकार को चलाना कांग्रेस की संस्कृति रही है और दिग्विजयसिंह जैसे कांग्रेस के नेताओं ने कमलनाथ सरकार के साथ जैसा व्यवहार किया था, वह प्रदेश का हर व्यक्ति जानता है। श्री रामेश्वर शर्मा ने कहा कि तबादले, पोस्टिंग से लेकर विभिन्न विभागों के सामान्य कामकाज तक दिग्विजयसिंह जैसे नेता इतना हस्तक्षेप करते थे कि सरकार का काम करना मुश्किल हो गया था। उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार पर पूरी तरह हावी होने के दिग्विजय के प्रयासों के चलते ही कांग्रेस के लोगों में असंतोष पैदा हुआ था, जिसकी परिणति सरकार के गिर जाने के रूप में हुई।
मोदी जी की सफलता से चिढ़ती है कांग्रेस
रामेश्वर शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने त्वरित निर्णय लेकर जिस तरह से लॉकडाउन किया और देश में कोरोना वायरस के प्रसार को काफी कुछ नियंत्रित कर लिया। मोदी जी की इस सफलता को देखकर कांग्रेस और उसके दिग्विजयसिंह जैसे नेताओं को जलन हो रही है, इसलिए वे मोदी सरकार पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। श्री शर्मा ने कहा कि मोदी सरकार ने लॉकडाउन के हर दौर में देश के सभी प्रदेशों से विचार विमर्श किया है और आम सहमति के आधार पर ही लॉकडाउन बढ़ाने की बात तय की गई थी। श्री शर्मा ने कहा कि यदि दिग्विजयसिंह देश और प्रदेश की जनता की इतनी ही फिक्र करते हैं, तो उन्हें यह बताना चाहिए कि मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने, उससे निपटने के लिए क्या व्यवस्थाएं की थीं? कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं ने पीड़ितों की मदद के लिये क्या प्रयास किए?
अपनी ही वजहों से गिरी कांग्रेस सरकार, भाजपा को दोष न दें
विधायक शर्मा ने कहा कि दिग्विजयसिंह को अब तक यह स्वीकार करने में परेशानी हो रही है कि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार अपनी अंतर्निहित वजहों और उनके जैसे नेताओं की हथकंडेबाजी की वजह से गिरी थी। इसलिए वे सरकार के गिरने के कारणों की तलाश बाहर करते हैं और भाजपा को दोष देते हैं। उन्होंने कहा कि दिग्विजयसिंह ने अपने पुत्रमोह के चलते कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और विधायकों को उनके हक से वंचित किया, उनका अपमान किया। यहां तक कि स्वयं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी उनकी सरकार के गिरने के लिए दिग्विजयसिंह की धोखाधड़ी को जिम्मेदार बता चुके हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा पर आरोप लगाने की बजाय दिग्विजयसिंह अगर खुले मन से सरकार गिरने के कारणों पर विचार करें, पार्टी के लोगों में असंतोष पैदा करने वाली परिस्थितियों की पड़ताल करें, तो यह कांग्रेस के भविष्य के लिए अच्छा होगा।