भोपाल - उम्र से बड़ा जज्बा, जज्बे से जीती गई कोरोना की जंग। उम्र के आगे कोरोना हार रहा है । इसे साबित किया है आज भोपाल में कोरोना संक्रमण से स्वस्थ होकर लौटे 8 उम्र दराज व्यक्तियों ने। आज 89 वर्षीय श्रीमती सुशीला दुबे और 85 वर्षीय श्री अब्दुल हमीद सहित भोपाल से 37 व्यक्ति कोरोना से जीतने की उमंग और हौसले के दम पर पूर्णतः स्वस्थ होकर अपने घर रवाना हुए हैं। चिरायु अस्पताल से 33 और शासकीय होम्योपैथिक अस्पताल से 4 व्यक्ति डिस्चार्ज हुए। अशोका गार्डन निवासी श्रीमती सुशीला उन सभी कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनी हैं जिन्हे बढ़ती उम्र में कोरोना का खतरा है। 89 वर्ष की उम्र में भी कोरोना से जीतकर उन्होंने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। जीने की चाह और जीतने का हुनर ही इस कोरोना संक्रमण को हराने में सक्षम है। श्रीमती सुशीला दुबे बताती है कि उम्र के इस पड़ाव में भी मैंने हारना नहीं सीखा। बस जीतने का जुनून कायम रखा है। यह जीत उन तमाम कोरोना से संक्रमित व्यक्तियों को के लिए उदाहरण का काम करेगी जो इससे डरकर भाग रहे हैं। जहांगीराबाद निवासी 70 वर्षीय श्री शिव प्रसाद पांडे ने बताया कि मैं आज पूरी तरह ठीक होकर लौटा हूँ। यह सब चिरायु अस्पताल प्रबंधन की देख रेख का नतीजा है। उन्होंने बताया कि परेशानी के समय चिरायु अस्पताल के सभी स्टाफ के सदस्यों ने देर रात भी हमारी मदद की और हमारा ख्याल रखा है। मैं सभी अस्पताल प्रबंधन को धन्यवाद देता हूँ। इसी तरह श्री हमीद ने कहा कि सबकी दुआओं की रहमत का असर है जिससे मैं ठीक हो सका हूँ। जीतने का हौसला रखें आपकी जीत निश्चय ही होगी। आज डिस्चार्ज हुए 50 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों में श्री राम किशोर खरे 56 वर्षीय, श्री राम भरोसे 72 वर्षीय, श्री शिव प्रसाद पांडे 70 वर्षीय, श्रीमती रुकसाना खान 60 वर्षीय, श्री बाबूलाल सरोजे 56 वर्ष और हकीम उद्दीन 50 वर्षीय चिरायु अस्पताल से डिस्चार्ज हुए। भोपाल जिले से अभी तक 1440 व्यक्ति कोरोना संक्रमण से पूर्णतः स्वस्थ हो चुके है। भोपाल का रिकवरी रेट 71 प्रतिशत से अधिक है। बड़ी संख्या में और त्वरित गति से कोरोना संक्रमितों का सफल ईलाज किया जा रहा है। भोपाल जीत रहा है - कोरोना हार रहा है।