नई दिल्ली। कोरोना मरीजों की मौत के बाद उनके शव के रखरखाव के तरीके पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार पर सख्त टिप्पणी की है। अदालत ने कहा है कि दिल्ली में और उनके अस्पतालों में बहुत बुरा हाल है। होम मिनिस्ट्री की गाइडलाइंस का अनुपालन नहीं हो रहा है। अस्पताल डेड बॉडी का सही तरह से रखरखाव और निपटारा नहीं कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि यहां तक कि कोरोना मरीज की मौत के बाद उनके परिजनों को इस बारे में सूचना देने की भी जहमत नहीं उठाई जा रही है। कई ऐसे मामले दिखे हैं जिनमें परिजन अपनों की मौत के बाद उनके अंतिम संस्कार तक में शामिल नहीं हो पाए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से इस मामले में जवाब दाखिल करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने एलएनजेपी अस्पताल की स्थिति को गंभीरता से लिया है और उसे भी जवाब दाखिल करने को कहा गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार जिस तरह से मरीजनों का अस्पतालों में इलाज कर रही है और जिस तरह से डेड बॉडी के साथ व्यवहार हो रहा है उस पर फटकार लगाते हुए कहा है कि दिल्ली में जो स्थिति है वह भयानक व डरावनी है। अदालत ने दिल्ली सरकार के वकील से कहा कि अस्पतालों में हर जगह बॉडी फैली हुई है और लोगों का वहां इलाज चल रहा है।
अदालत ने कहा कि दिल्ली में 2000 बेड खाली हैं लेकिन मरीजों को देखने वाला कोई नहीं है। अदालत ने उन विडियो का जिक्र किया जिसमें मरीज रो रहे हैं और कोई उन्हें देखने वाला नहीं है। अदालत ने कहा कि ये बहुत ही दुखदाई स्थिति है। अदालत ने कहा कि ये सवाल है कि दिल्ली सरकार कोरोना टेस्ट को कम कर रही है। अदालत ने कहा कि क्या सरकार बनावटी फिगर चाहती है। कैसे टेस्ट को कम किया गया? राज्य की ड्यूटी है कि वह टेस्टिंग को बढ़ाए।