सरकार के डिजिटल इंडिया अकाउंट से हाल में एक ट्वीट किया गया था. इसमें कहा गया था, ”डिजिटल सेवाओं के साथ सतर्क रहें, सुरक्षित रहें और जुड़े रहें! कोरोना की महामारी के बीच इन छह मोबाइल एप से जिंदगी को आसान बनाएं.” सरकार ने इन छह एप के नाम साझा किए थे. ये महामारी के बीच लोगों की मदद कर सकते हैं. आइए, यहां इनके बारे में जानते हैं.
कोरोना की रोकथाम के लिए यह सरकार का आधिकारिक कॉन्टैक्ट-ट्रेसिंग एप है. आरोग्य सेतु को बीते महीने सरकार ने शुरू किया था. इसके 10 करोड़ से ज्यादा यूजर हैं. एनआईसी के मार्गदर्शन के तहत इस एप को मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (एमईआईटीवाई) ने तैयार किया है. यह स्मार्टफोन के लोकेशन डेटा और ब्लूटूथ का इस्तेमाल करके पता लगाता है कि कहीं यूजर कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में तो नहीं आया है. अगर कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति के आसपास है तो इसकी जानकारी भी एप पर दी जाती है. यह एप 11 अलग-अलग भाषाओं में है.
इस एप को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने तैयार किया है. भीम यूपीआई यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस पर आधारित है. यह दिसंबर 2016 में लॉन्च हुआ था. इसकी मदद से आप तमाम तरह के बिलों का भुगतान कर सकते हैं. इनमें बिजली-पानी के बिल इत्यादि शामिल हैं. बड़े स्टोरों और पड़ोस की छोटी दुकानों दोनों में इससे भुगतान किया जा सकता है.
उमंग एप 600 से ज्यादा सेवाओं के लिए वन-स्टॉप डेस्टिनेशन है. यह केंद्र और राज्य सरकार के साथ उनके विभागों, लोकल बॉडीज और प्राइवेट संस्थानों की यूटिलिटी सेवाओं की पेशकश करता है. इन सेवाओं में आधार, पैन, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, पीएफ इत्यादि शामिल हैं.
यह एप इस महीने के शुरू में लॉन्च हुआ था. इसे आयुष मंत्रालय और एमईआईटीवाई ने मिलकर बनाया है. इसका मकसद आयुष मंत्रालय की ओर से दिए जाने वाले सुझावों को लोगों तक पहुंचाना है. ये उपाय कोरोना महामारी की रोकथाम में मददगार साबित हो सकते हैं.
यह एप इस साल अप्रैल में लॉन्च हुआ था. इसका मकसद देशभर में पंचायती राज संस्थानों (पीआआई) में ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देना है. सरकार ने ग्रामीण विकास को प्रोत्साहित करने के मकसद से इसे शुरू किया है.