बीस सैनिकों की शहादत और चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से सटे 21 गांवों में ब्लैकआउट कर दिया गया है। ज्यादातर गांवों में पिछले एक माह से इमरजेंसी जैसे हालात हैं, लेकिन श्योक और गलवां नदी के संगम स्थल के पास सोमवार रात की घटना के बाद से पूरे इलाके में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है।
लेह स्थित 3 इन्फेंट्री डिविजन के कमांडर मेजर जनरल अभिजीत बापट ने वार्ता में भारतीय प्रतिनिधित्व का नेतृत्व किया। मंगलवार को भी दोनों पक्षों के बीच मेजर जनरल स्तरीय बातचीत हुई। एक सूत्र ने बताया, ”दोनों पक्षों की ओर से हिंसक झड़प के मुद्दे उठाए गए । भारत ने क्षेत्र में पीछे हटने की प्रकिया में तेजी लाने को कहा। हालांकि कोई सफलता नहीं मिली। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में ऊंचाई वाले इलाके में एक संकीर्ण पहाड़ी रास्ते पर चीनी सेना द्वारा निगरानी चौकी स्थापित किए जाने की वजह से भारत और चीन की सेना के बीच हिंसक झड़प हुई थी।
भारत और चीन के बीच मेजर जनरल स्तर की बातचीत हो रही है। ये बैठक 10.30 बजे से जारी है। सैन्य सूत्रों ने जानकारी दी कि इससे पहले पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प वाले स्थान के पास भारत और चीन की सेनाओं के डिविजनल कमांडरों के बीच बैठक बेनतीजा रही। मेजर जनरल स्तरीय बातचीत में गलवान घाटी से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को लागू करने पर चर्चा हुई । छह जून को दोनों पक्षों के बीच उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता में इसी पर सहमति बनी थी।