भोपाल । आज 28 मंत्रियों को शिवराज मंत्रिमंडल में जगह मिल गई । कांग्रेस से भाजपा में आए गिर्राज दंडोतिया और राज्यवर्धन दत्तिगांव को भी मंत्री बनाया गया । सिंधिया के समर्थकों को तवज्जो दी गई है।
राज्यपाल टंडन के स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को कल शाम शपथ दिलाकर आज उनके द्वारा शपथ दिलाई गई।
शपथ ग्रहण समारोह में ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद रहे। सिंधिया ने शपथ ग्रहण के बाद प्रेस से कहा कि कमलनाथ को चिंता है कि उनकी कुर्सी चली गई । कमलनाथ इस कोराना काल में राजनीति दिखी है।
भोपाल से विश्वास सारंग ने फिर से मंत्री पद की शपथ ली। शिवराज से कैबिनेट मीटिंग में सभी मंत्रियों को स्वागत ना कराने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित करने की हिदायत सभी को दी । आने वाले उपचुनाव के लिए एक जुटता और चैन से नहीं बैठना है काम करना है ऐसे वाक्यों से नए मंत्रियों का स्वागत किया ।
इंदौर से उषा ठाकुर (महू विधानसभा) को मंत्री बनाया गया है । रमेश मेंदोला के नहीं बनने से समर्थको में उदासी बनी साथ ही इंदौर शहर से एक भी मंत्री नहीं बन सका ।
ग्वालियर चंबल से सबसे अधिक मंत्री बने सिंधिया का दबदबा और उपचुनाव की तैयारी साफ झलक नजर आयी। भारत सिंह कुशवाह ग्रामीण ग्वालियर से पहली बार मंत्री बने । प्रद्युम्न सिंह तोमर, इमरती देवी और यशोधरा राजे सिंधिया को भी मंत्री बनाया गया ।
लोकतंत्र के इतिहास में मध्यप्रदेश का मंत्रिमंडल ऐसा मंत्रिमंडल है , जिसमें कुल 33 मंत्रियो में से 14 वर्तमान में विधायक ही नहीं है।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) July 2, 2020
यह संवैधानिक व्यवस्थाओं के साथ बड़ा खिलवाड़ है।
प्रदेश की जनता के साथ मज़ाक है।