रायपुर। लॉक डाउन और पर्यटकों के काम आने जाने के कारण आर्थिक मंदी से गुजर रहे छत्तीसगढ़ पर्यटन विभाग ने अपने 12 होटल-मोटल को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर ली है। राज्य में अलग-अलग पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों के ठहरने के लिए करोड़ों की लागत से निर्मित पर्यटन विभाग के करीब 56 होटल-मोटल में से ज्यादातर में ताला बंद है। इससे पर्यटन विभाग को लागत की वसूली और आमदनी नहीं मिल रही है, ऊपर से मेंटेनेंस पर लाखों रुपए खर्च हो रहे हैं। ऐसे में पर्यटन विभाग ने इन होटल-मोटल को मैनेजमेंट कांट्रेक्ट पर संचालित करने का निर्णय लिया है। पर्यटन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक अगस्त में चिन्हांकित 12 होटल-मोटल का मैनेजमेंट कांट्रेक्ट पर टेंडर निकाला जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में पर्यटन विभाग 56 में 11 होटल-मोटल का संचालन स्वयं कर रहा है। वहीं 2 होटल-माेटल काे पहले ही मैनेजमेंट कांट्रेक्ट पर निजी ताैर पर संचालन के लिए दिया गया है। इन होटल-मोटल में पर्यटन विभाग के पास अभी चित्रकोट बस्तर, कुदरी बेला, सोनभद्र बिलासपुर, छेरछेरा रिसॉर्ट कबीर चबूतरा बिलासपुर, गौरी-गौरा खूंटाघाट बिलासपुर, मैनपाट सरगुजा, सरोधा दादर कवर्धा, भोरमदेव कवर्धा, बारनवापारा महासमुंद, तांदुला जलाशय बालोद, जोहार कोण्डागांव रिसॉर्ट हैं। वहीं सिरपुर और गंगरेल रिसॉर्ट लीज पर दिया गया है। अब और 12 होटल-मोटल को ठेके पर दिए जाने की तैयारी है।