राज्य पुलिस बलों की क्षमता बढ़ाने के लिए केन्द्र प्रायोजित योजना पुलिस बल आधुनिकीकरण के तहत केन्द्रांश राशि में वृद्धि करने के लिए छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य पुलिस प्रशासन एवं प्रचालन हेतु आवश्यक कमियों को चिन्हांकित कर उसकी पूर्ति करना है।
गृह मंत्री साहू ने केन्द्रीय गृह मंत्री शाह को संबोधित अनुरोध पत्र में लिखा है कि विगत कई वर्षो से छत्तीसगढ़ राज्य वामपंथ उग्रवाद समस्या से ग्रसित है। राज्य के 14 जिले नक्सल समस्या से प्रभावित एसआरई जिले है, जिनमें से 8 जिले अत्यंत प्रभावित है। राज्य सरकार द्वारा जनशक्ति, बुनयादी सुविधाओं एवं पुलिस बलों के प्रशिक्षण की समीक्षा कर समस्या के निवारण हेतु आवश्यक कदम उठाएं हैं। पुलिस थानों में बलवृद्धि एवं बलों की क्षमता के विकास हेतु राज्य द्वारा कार्य किया गया है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य में केन्दीय सुरक्षा बलों की लगभग 45 बटालियन तैनात है।
राज्य गठन के समय छत्तीसगढ़ पुलिस का बल 22 हजार 520 था, जो अब बढ़कर 75 हजार 678 हो गया है। राज्य में 11 नवीन राजस्व जिलों का निर्माण हुआ है। पुलिस थानों की संख्या 293 से बढ़कर 467 और पुलिस चौकियों की संख्या 57 से बढ़कर 115 हो गई है। एसटीएफ के अलावा 22 छत्तीसगढ़ सशस्त्र वाहिनियां है। राज्य में एसटीएफ एवं विशेष आसूचना शाखा की इकाई के विभिन्न प्रशिक्षण शालाओं जैसे पुलिस अकादमी चंदखुरी, सीटीजेडब्ल्यू कॉलेज कांकेर की स्थापना की गई है। पुलिस बल में वृद्धि होने से उन्हें आधारभूत संरचना एवं आवश्यक संसाधनों जैसे प्रशासकीय भवन, आवासगृहों का निर्माण, शस्त्रादि, वाहन, दूरसंचार, उपकरण, प्रशिक्षण संसाधनों की आवश्यकता है।
गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने केन्द्रीय गृह मंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि विगत कुछ वर्षो से पुलिस बल आधुनिकीरण योजना के तहत प्राप्त होने वाली राशि में निरंतर कमी हो रही है। वर्ष 2013-14 में अनुमोदित प्लान का कुल आकार करीब 56 करोड़ रूपए था, जो वर्ष 2019-20 में घटकर 20 करोड़ रूपए से भी कम रह गया है। अतएव नक्सलियों के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही एवं राज्य पुलिस का संसाधन आधार विस्तृत करने एवं अत्याधुनिक बनाए जाने के लिए इस योजना के तहत केन्द्रांश राशि में वृद्धि किए जाने का अनुरोध है।