मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के साथ केन्द्रीय कोयला मंत्री श्री प्रहलाद जोशी की आज यहां मुख्यमंत्री निवास में आयोजित बैठक में छत्तीसगढ़ में कोयला उत्पादन एवं खान के विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने बैठक में एलीफेंट कॉरीडोर तथा सघन वन क्षेत्रों में स्थित कोयला खदानों को कोल ब्लॉक्स की आगामी नीलामी से अलग रखने का प्रस्ताव रखते हुए इन खदानों के स्थान पर राज्य में स्थित अन्य कोयला क्षेत्रों को चिन्हित करने का सुझाव रखा, जिस पर केन्द्रीय कोयला मंत्री श्री जोशी ने सहमति व्यक्त की।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने वर्ष 2014 के पूर्व सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार उद्योगपतियों द्वारा एडीशनल लेवी के रूप में जमा की गई 4140 करोड़ रूपए की राशि, जो केन्द्र सरकार के पास जमा है। उसे राज्य को देने की मांग की। जिस पर केन्द्रीय कोयला मंत्री ने सहमति व्यक्त करते हुए यह बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में उक्त राशि के डिस्पोजल हेतु आवेदन लगाया गया है, उसके आधार पर जल्द ही निर्णय लिया जायेगा।
बैठक में मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के कॉमन कॉस प्रकरण में दिए गए निर्णय अनुसार जुर्माने की राशि 10 हजार 129 करोड़ रूपए राज्य को देने की मांग रखी। श्री बघेल ने गारे पेल्मा खदानों में एसईसीएल को तत्काल उत्पादन बढ़ाने हेतु निर्देशित करने, साथ ही कोयला खदानों में जमा पानी का उपयोग जनहित में पेयजल एवं सिंचाई प्रयोजन के लिए करने, खनन प्रक्रिया समाप्ति पश्चात् अनुपयोगी जमीन राज्य को वापस करने तथा फ्लाई-ऐश के डिस्पोजल हेतु एसईसीएल की बंद पड़ी खदानों के संबंध में त्वरित कार्यवाही की मांग रखी। जिस पर केन्द्रीय मंत्री द्वारा सीएमपीडीआईएल, एसईसीएल और राज्य के अधिकारियों का संयुक्त दल गठन कर तत्काल निर्णय लेने पर सहमति व्यक्त की गई।

केन्द्र सरकार के खान मंत्रालय से संबंधित विषयों पर चर्चा करते हुए राज्य सरकार द्वारा लौह अयस्क की रॉयल्टी दरों में संशोधन करने के संबंध में भी आग्रह किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि नेशनल एक्सप्लोरेशन मिनरल ट्रस्ट (एनएमईटी) मद में छत्तीसगढ़ राज्य ने लगभग 300 करोड़ रूपये केन्द्र सरकार के पास जमा किए हैं। श्री बघेल ने इस राशि के उपयोग हेतु राज्य सरकारों को खनिज अन्वेषण हेतु खनिजों का चयन करने की अधिकारिता देने तथा इस राशि के उपयोग हेतु नियमों के सरलीकरण करने की ओर केन्द्रीय मंत्री का ध्यान आकृष्ट किया, जिस पर केन्द्रीय मंत्री श्री जोशी द्वारा सहमति दी गई।