भाजपा के वरिष्ठ नेता मनोज सिन्हा अब जम्मू-कश्मीर के नए उपराज्यपाल होंगे। इससे पहले गिरीश चंद्र मूर्मू ने बुधवार को इस पद से इस्तीफा दे दिया था। उनका इस्तीफा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वीकार कर लिया।
बीएचयू छात्रसंघ अध्यक्ष से लेकर केंद्रीय मंत्री तक का सफर तय करने वाले मनोज सिन्हा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते हैं।
गोल्ड मेडेलिस्ट सिन्हा ABVP से जुड़े रहे। वह 1989 में भाजपा राष्ट्रीय परिषद के सदस्य बने और 1996, 1999, 2014 में गाजीपुर से सांसद बने। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। सपा-बसपा गठबंधन के उम्मीदवार और मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी ने उन्हें हराया। इसके बाद यह चर्चा होने लगी कि पार्टी उन्हें राज्यसभा में भेजेगी, लेकिन अब वे जम्मू-कश्मीर का उपराज्यपाल बनाए गए हैं। सिन्हा खेती का भी शौक रखते हैं। राजनेता के तौर पर उनकी ईमानदार नेता की रही है। पूर्वांचल में उन्हें विकास के लिए जाना जाता है।
मोदी सरकार प्रथम में सिन्हा रेल राज्यमंत्री व संचार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे। सिन्हा 1999 से 2000 तक ऊर्जा, संबंधी स्थायी समिति के सदस्य रहे। उसी दौरान सरकारी आश्वासनों संबंधी समिति के सदस्य भी रहे। पूर्वांचल में भाजपा के बड़े चेहरों में शुमार मनोज सिन्हा की 1, मई 1977 को बिहार के भागलपुर की नीलम सिन्हा से शादी हुई। उनकी एक बेटी है, और एक बेटा है जो एक टेलीकॉम कंपनी में काम करता है।