शिशुओं में कोरोना के उच्च जोखिम वाले धारणाओं के विपरीत खजुराहों में दो माह के बच्चे ने कोविड-19 के संक्रमण को हराया है। सबसे अहम बात यह है कि इस शिशु के अभिभावकों ने इस संक्रमण के दौरान भी माँ के दूध का महत्व समझा और बच्चे को इससे वंचित नहीं किया।

छतरपुर जिले के खजुराहों में रहने वाले एक दंपत्ति जो दिल्ली में काम करते है, के यहाँ 13 जून को शिशु का जन्म हुआ। उस वक्त माँ कोरोना से संक्रमित थी। जन्म के कुछ समय बाद वह अपने गाँव लौट आए। एक महिने के बाद जब बच्चा बीमार हुआ तो उसका कोविड टेस्ट करवाया गया। शिशु की रिपोर्ट पाजीटिव आने पर उसे खजुराहों कोविड केयर सेंटर में रखा गया।

सेंटर के प्रभारी डॉ. विनीत शर्मा ने बताया कि चूंकि छ: माह तक शिशु को केवल स्तनपान दिया जाना चाहिए, और बच्चा पूरी तरह माँ के दूध पर आश्रित था, इसलिये उसकी माँ और शिशु के लिए सेंटर में खास इंतजाम किए गए। इलाज के दौरान भी सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए शिशु को स्तनपान जारी रखा गया।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के नियमानुसार भी नवजात को किसी भी अवस्था में मॉ का दूध देने की अनुशंसा की जाती है और इससे शिशु की रोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ती है। इस दंपत्ति ने भी स्तनपान के निर्देशों को माना, उसका पालन किया। इसका नतीजा यह हुआ कि शिशु कोराना संक्रमण से मुक्त हो गया।

शिशु के कोरोना को हराने की खबर माँ के दूध और जन्म के एक घन्टे के अन्दर शिशु को स्तनपान कराने के महत्व को कोविड संक्रमण के दौर में भी सिद्ध करती है। पूरे विश्व में 1 से 7 अगस्त का एक स्वस्थ दुनिया के लिए स्तनपान का समर्थन थीम का विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जा रहा है।