लगातार हो रही बारिश के कारण छत्तीसगढ़ में डैम तालाब जलाशय तो ओवरफ्लो हो गए है, धान की फसल को भी लाभ मिलने की उम्मीद है, लेकिन सब्जी, हरी फसलों की खेती डूबकर बर्बाद होने के कगार पर पहुंच गई है। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में लगभग 25 हजार हेक्टेयर में लगी सब्जी की फसल डूब गई या खेत में ज्यादा पानी भरने से सड़ने लगी है। इससे 300 कराेड़ रुपए से ज्यादा के नुकसान की आशंका है। क्षति के आंकलन के लिए उद्यानिकी विभाग ने सभी जिलों को पत्र लिखा है। राज्य के सब्जी उत्पादक किसानों की मदद के लिए सरकार से राहत पैकेज की मांग भी उठने लगी है। सुनो खबर की पड़ताल से मिली जानकारी के मुताबिक कुछ दिन की झड़ी से आठ जिलों रायपुर, महासमुंद, गरियाबंद, दुर्ग, बेमेतरा, मुंगेली, गौरेला पेंड्रा मरवाही और राजनांदगांव जिले में बारिश के कारण सब्जी की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है। अकेले इन आठ जिलों में ही 25 से 26 हजार एकड़ में लगी सब्जियों की फसल डूबने की सूचना है। बताया जा रहा है कि इन जिलों में ही लगभग सौ करोड़ का नुकसान हो सकता है।
इधर मध्य प्रदेश में नर्मदा उफान पर
उत्तरी छत्तीसगढ़ में बना सिस्टम अब मध्यप्रदेश और दक्षिणी उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ गया है। इस वजह से राज्य में अगले 3 दिनों तक भारी बारिश की संभावना नहीं है। चूंकि हवा में नमी बनी हुई है, इस वजह से कहीं-कहीं पर हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। मौसम साफ रहने के कारण दिन के तापमान में वृद्धि नजर आएगी।
तीर्थनगरी ओंकारेश्वर में शनिवार को लोगोप में चिंता की लकीरे खींच गयी जब घोषणा केंद्रों से मां नर्मदा का जलस्तर बढ़ने के बारे में सचेत करने के लिए सायरन बजाया गया। नगर परिषद और श्री ओंकारेश्वर मंदिर संस्थान के उद्घोषणा केंद्र से जलस्तर बढ़ने की जानकारी दी गई। जैसे ही यह जानकारी लोगों तक पहुंची, तो घाटों पर व्यवसाय करने वाले और आसपास की बस्तियों के लोगों ने सामान समेटना शुरू कर दिया।
बांध के बैक वाटर में 195.12 मीटर तक पानी भर गया। सभी 21 गेट से करीब 31 मीटर तक लगातार पानी निकाला गया।