जनता कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत जोगी के पुत्र अमित जोगी का दावा है कि छत्तीसगढ़ में सक्रिय चीनी कंपनियां यहां से मुनाफा कमाकर चीन की आर्मी और माओवादी संगठनों को फायदा पहुंचा रही हैं। प्रदेश में चाइना के जासूस सक्रीय हैं। इन खुलासों के साथ ही मामले में अमित जोगी ने एनआईए और सेबी से जांच की मांग की है। यह बातें अमित जोगी ने रायपुर के अपने निवास में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहीं।
आगे चर्चा में अमित जोगी ने कहा कि भारत सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ़ कॉर्पोरेट अफेयर्स ने 18 अगस्त को चीन की आर्मी से जुड़ी 7 कंपनियों के नाम चिन्हित किए जो वर्तमान में व्यवसाय की आड़ में चीन के लिए जासूसी कर रही हैं।
अमित के मुताबिक छत्तीसगढ़-चीन नेक्सस की शुरुआत 10 दिसंबर 2005 (तब प्रदेश में डॉ रमन सिंह की सरकार थी ) से होती है। तत्कालीन मुख्यमंत्री ने चीन की राजधानी बीजिंग के शनग्रिला होटल में “जिंग-जिंग कैथे इंटरनेशनल ग्रुप कंपनी लिमिटेड” कंपनी के मालिकों से मुलाकात की थी। कंपनी ने ब्लैक स्टोन एशिया ड्रेगन फंड के माध्यम से एक भारतीय कंपनी के साथ छत्तीसगढ़ में 1000 करोड़ की डकटाइल पाइप बनाने की फैक्ट्री लगाई।
उन्होंने आगे प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि सूत्रों के अनुसार छत्तीसगढ़ में ये माओवादियों और चीन आर्मी के बीच मध्यस्थता का काम भी करती है, जिसका प्रमाण जनवरी 2014 में भारी मात्रा में नक्सलियों से बरामद चीनी हथियार हैं।