भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश सरकार प्रधानमंत्री श्री मोदी के किसानों की आय वर्ष 2022 तक दोगुनी करने के संकल्प को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। प्रदेश में मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना प्रारंभ होगी। इस योजना का उद्देश्य प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के पात्र हितग्राहियों को चार हजार रुपये की अतिरिक्त आर्थिक सहायता दिलवाना है। करीब 80 लाख किसान इससे लाभान्वित होंगे। वर्तमान में योजना के अंतर्गत ऐसे छोटे-छोटे किसानों को जो अन्य योजनाओं के लाभ नहीं ले पाते हैं, उन्हें वार्षिक छह हजार रुपये की सहायता प्रदान की जाती है। अब हितग्राही किसान को 10 हजार रूपए की वार्षिक सहायता मिल सकेगी। किसानों के समग्र विकास की दृष्टि से किसान हितैषी योजनाओं को एक पैकेज के रूप में समाहित कर लागू किया जाएगा। सहकारिता विभाग में कम्प्यूटराइजेशन का कार्य व्यापक स्तर पर होगा। साढ़े चार हजार प्राथमिक सहकारी समितियों में इस व्यवस्था के लिए राज्य शासन धनराशि उपलब्ध करवाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के जन्म दिवस से आरंभ गरीब कल्याण सप्ताह के अंतर्गत मिंटो हाल भोपाल में आयोजित “सबको साख-सबका विकास” कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा कृषकों, पशुपालकों, मत्स्य पालकों को ऋण और क्रेडिट कार्ड वितरण के साथ ही सहकारी बैंकों और समितियों के खातों में 800 करोड़ रुपये की राशि जमा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 63 हजार हितग्राहियों को फसल ऋण के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) भी प्रदान किए।
प्रधानमंत्री श्री मोदी सबसे बड़े किसान हितैषी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने संसद में पारित किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) मूल्य आश्वासन और फार्म सेवा अनुबंध अध्यादेश 2020, किसानों का उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) अध्यादेश 2020 के साथ ही अत्यावश्यक वस्तु अधिनियम अध्यादेश 2020 को किसानों के व्यापक हित में बताते हुए उनका स्वागत किया और प्रधानमंत्री श्री मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कुछ लोग भ्रम पैदा कर इन नए प्रावधानों को किसान विरोधी बताने में लगे हैं। नए कानून से न मंडियां बंद होंगी और न ही न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कोई आंच आएगी। प्रधानमंत्री श्री मोदी सदैव किसानों के बड़े हितैषी के रूप में कार्य करते रहे हैं। वे किसानों की आर्थिक स्थिति में बड़ा बदलाव चाहते हैं। ई-ट्रेडिंग और किसानों को अपनी फसल कहीं भी बेचने के विकल्प उपलब्ध करवाए गए हैं। इन सभी उपायों से किसानों को अधिक सुरक्षा मिलेगी।
पूर्व सरकार ने किसानों और सहकारिता क्षेत्र को पहुंचाया नुकसान
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पूर्व सरकार ने किसानों से ऋण माफी का वादा करके छल किया और उन्हें वास्तविक लाभ पहुंचाने के स्थान पर बीमा प्रीमियम राशि से लेकर राहत राशि से भी वंचित किया। हमारी सरकार ने पुराने वर्ष का बकाया 2200 करोड़ का भुगतान किया। इसके फलस्वरूप प्रदेश के साढ़े आठ लाख किसानों को 1986 करोड़ की राशि दी जा सकी। यही नहीं पूर्व सरकार ने शून्य प्रतिशत ब्याज पर कर्ज की नीति की अवहेलना की। किसानों को सोयाबीन की भावांतर राशि करीब 470 करोड़ रुपये का भुगतान भी नहीं किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पूर्व सरकार ने सहकारी संस्थाओं को भी क्षति पहुँचाई। सहकारी बैंकों को करीब 1500 करोड़ रुपये की भरपाई नहीं की गई। किसानों को बड़े-बड़े ख्वाब दिखाए गए। बात शुरू हुई थी 50 हजार करोड़ की जो 6 हजार करोड़ तक सीमित हो गई। योजना में कट ऑफ डेट 31 मार्च 2018 रखी गई, इस कारण 2018 की बाकी नौ माह की अवधि में ऋण लेने वाले किसान लाभ से वंचित हो गए। तीन रंग के आवेदन-पत्र लिए गए और इकट्ठे करके दफ्तरों में पटक दिए गए। झूठे प्रमाण पत्र बांट दिए गए। हमारी सरकार इन सभी विसंगतियों को दूर करने का कार्य करेगी।
सहकारिता आंदोलन को मरने नहीं देंगे, आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश में लेंगे सहकारिता क्षेत्र का सहयोग
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भारतीय संस्कृति का मूल भाव है – सभी सुखी हों। यही भाव सहकारिता का भी है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत बनाने का संकल्प लिया है। इसके अंतर्गत आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण सहकारिता से जुड़े भाई-बहन पूर्ण करेंगे। हमें मध्यप्रदेश की तस्वीर भी बदलनी है और यहां की जनता की तकदीर भी बदलनी है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में सहकारिता आंदोलन को विराट स्वरूप प्रदान किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमारी सरकार सहकारी आंदोलन को मरने नहीं देगी। सरकार के खजाने से आज जो राशि सहकारी संस्थाओं को दी जा रही है, वो कृषकों को अल्पावधि ऋण प्रदान करने में उपयोगी होगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसानों के साथ ही पशु पालक और मत्स्य पालक भी शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण प्राप्त करने के पात्र होंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोविड-19 ने अर्थव्यवस्था को काफी ध्वस्त भी किया है, लेकिन हम किसान को दिक्कत में नहीं आने देंगे। किसानों के कल्याण के लिए एक साथ बहुत सी योजनाएं लागू की गई हैं। किसान पठानी ब्याज भरने को मजबूर नहीं होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पेक्स को कृषि अधोसंरचना के लिए आर्थिक सहयोग दिया जाएगा। उन्होंने इस अवसर पर रीवा, सागर, इंदौर, जबलपुर के दुग्ध संयंत्र और दुग्ध पाउडर निर्माण संयंत्र के लिए पूर्ण सहयोग देने की बात कही। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पीएम किसान सम्मान निधि के लाभार्थी किसानों, पशुपालकों और मत्स्य पालकों से संवाद भी किया।
सहकारिता मंत्री श्री अरविंद भदौरिया ने मुख्यमंत्री श्री चौहान का स्वागत करते हुए कहा कि वर्चुअल आधार पर आयोजित इस कार्यक्रम से 15 लाख 8 हजार लोग जुड़े हैं। यह कार्यक्रम 43 हजार स्थानों पर लाइव प्रसारित हो रहा है। कुल 63 हजार किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड वितरित कर 335 करोड़ रुपये की साख सीमा स्वीकृत की गई। इसके साथ ही 35 हजार 532 किसानों को 122 करोड़ का ऋण का भी सहकारी समितियों द्वारा दिया गया। किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा से किसानों, पशु पालकों, मत्स्य पालकों के जीवन में बदलाव आ रहा है। श्री भदौरिया ने कोरोना काल में सहकारी समितियों द्वारा रबी फसल के उपार्जन की दिशा में किए गए अभूतपूर्व कार्य के लिए सहकारिता विभाग तथा इससे जुड़ी समस्त समितियों और संस्थाओं की सराहना की। उन्होंने सहकारिता प्रणाली को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए कम्प्यूटराईज्ड व्यवस्था स्थापित करने का अनुरोध किया।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री चौहान को मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए राज्य सहकारी बैंक की ओर से एक करोड़ रूपए और सहकारिता विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों की ओर से 13 लाख 53 हजार 651 रूपए की राशि का चेक भेंट किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित भोपाल जिले के पाँच हितग्राहियों को भी मुख्यमंत्री श्री चौहान ने हितलाभ प्रदान किए। मध्यप्रदेश गान से आरंभ हुए इस कार्यक्रम में “साहूकारी नहीं सहकारी से नाता जोड़ो” विषय पर फिल्म भी प्रदर्शित की गई।
कार्यक्रम में विधायक श्रीमती कृष्णा गौर, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री के.के. सिंह उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन प्रमुख सचिव सहकारिता श्री उमाकांत उमराव ने किया। वेबकास्ट, फेसबुक, यूट्यूब के माध्यम से बड़े पैमाने पर लोग इस कार्यक्रम से जुड़े। दूरदर्शन सहित सभी प्रमुख प्रादेशिक चैनल पर कार्यक्रम प्रसारित किया गया।

जीरो प्रतिशत ऋण की उपलब्धता पर किसान ने जताया आभार

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने “सबको साख-सबका विकास” कार्यक्रम में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बालाघाट, मंदसौर, भिण्ड, मुरैना और रायसेन के मत्स्य पालकों, पशु पालकों और कृषकों से बातचीत की।
जीरो प्रतिशत पर ऋण बड़ी राहत है
बालाघाट के मत्स्य पालक श्री अरविंद से मुख्यमंत्री श्री चौहान ने चर्चा की। मत्स्य पालक श्री अरविंद ने बताया कि उनके समूह में पंद्रह सदस्य हैं। समूह को डेढ़ लाख का ऋण मिला। समूह सिंघाड़ा और मछली पालन करता है। लगभग 10-12 टन मछली उत्पादन होता है, जिससे 8 से 10 लाख रुपये की आमदनी होती है। जो सदस्यों में बराबरी से बांटी जाती है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पूछा की यदि किसान क्रेडिट कार्ड नहीं होता तो पैसे की व्यवस्था कैसे होती। इस पर श्री अरविंद ने बताया कि मजबूरी में 5 से 10 प्रतिशत प्रतिमाह की दर से ब्याज पर पैसा उठाया है। अब जीरो प्रतिशत पर मिल रहा ऋण बड़ी राहत है।
मोबाइल पर मेसेज आया और लोन मिल गया
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मंदसौर के कृषक व पशुपालक श्री नंदकिशोर से पूछा कि लोन मिलने में कोई दिक्कत या परेशानी तो नहीं हुई। इस पर नंदकिशोर ने कहा कि मोबाइल पर मेसेज आया और लोन मिल गया। नंदकिशोर ने बताया कि पिछले साल से पशु पालन शुरु किया है। अब 5 गाय-भैंस हैं। दुग्ध उत्पादन से आय बढ़ी है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बच्चों की पढ़ाई के बारे में जानकारी ली और कहा कि खेती के साथ-साथ पशु पालन सहायक व्यवसाय है। दोनों आपस में जुड़े हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किसानों से खेती के साथ-साथ पशुपालन से जुड़ने की भी अपील की।
24 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की जगह जीरो प्रतिशत पर लिया ऋण
मुख्यमंत्री श्री चौहान को भिण्ड के साढ़े तीन बीघा के किसान श्री राकेश तोमर ने बताया कि जरूरत होने पर 24 प्रतिशत सालाना ब्याज पर भी पैसा उठाकर खाद-बीज की व्यवस्था की है। मेहनत में कोई कमी नहीं है, रबी और खरीफ फसल के साथ-साथ सब्जी भी उगा रहे हैं। जरूरत के समय जबरिया ब्याज ने बहुत तकलीफ दी, अब केसीसी से राहत मिली है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ऋण समय पर चुकाना मत भूलना।
क्रेडिट कार्ड से दूर हुई अनिश्चिता
मुरैना के कृषक श्री हरिशचंद्र ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को बताया कि उन्होंने बैंक से केसीसी लेने की कोशिश की पर अंतत: सहकारी बैंक से उन्हें केसीसी मिल पाया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पूछा कि क्रेडिट कार्ड मिलने के बाद क्या बदलाव आया। इस पर श्री हरीशचन्द्र ने बताया कि पहले स्थिति यह थी कि फसल में पानी, खाद, कीटनाशक की जरूरत होने पर पैसे के लिए साहूकारों का मुंह देखना पड़ता था। “वाजिब ब्याज पर पैसा मिल जाए तो ठीक, नहीं तो फसल भगवान भरोसे”। क्रेडिट कार्ड मिलने से यह अनिश्चिता दूर हुई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सांची-रायसेन के श्री सौदान सिंह से बातचीत कर ऋण तथा खाद-बीज की उपलब्धता संबंधी जानकारी ली।