टीम इंडिया के तेज़ गेंदबाज़ शार्दुल ठाकुर इन दिनों टीम इंडिया से बाहर हैं। हालांकि वो घरेलू क्रिकेट खेल रहे हैं। शार्दुल ने पिछले साल अक्टूबर में वेस्टइंडीज़ के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था, लेकिन इस मैच में सिर्फ 10 गेंद फेंकने के बाद ही वो चोटिल होकर बाहर हो गए थे। शार्दुल को ग्रोइन इंजुरी हुई थी और उन्होंने करीब दो महीने बाद क्रिकेट मैदान पर वापसी की। अब शार्दुल ने बीसीसीआइ के सेलेक्टर्स पर अपनी भड़ास निकाली है। एक रिपोर्ट के अनुसार शार्दुल का आरोप है कि चोट से उबरकर वापसी करने के बाद से बीसीसीआइ के किसी सेलेक्टर ने उनसे बात नहीं की है।
पिछले कुछ समय से कई भारतीय क्रिकेटर्स यह मुद्दा उठा चुके हैं कि चोटिल होने के बाद बीसीसीआइ सेलेक्टर्स उनसे बात नहीं करते हैं। अब इस कड़ी में भारत के तेज गेंदबाज शार्दुल ठाकुर का नाम भी जुड़ गया है।
शार्दुल ने मुंबई की तरफ से छत्तीसगढ़ के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच में प्रभावी प्रदर्शन किया। उन्होंने मैच में 79 रन देकर 8 विकेट झटके। वैसे उनका यह प्रदर्शन देखने के लिए कोई सेलेक्टर वानखेड़े स्टेडियम में मौजूद नहीं था। उधर बीसीसीआइ सूत्रों के अनुसार बोर्ड के सेलेक्टर्स शार्दुल की मैदान पर वापसी के पहले से उनके संपर्क में हैं। शार्दुल ने नागपुर में विदर्भ के खिलाफ वापसी की थी। सेलेक्टर्स ने उन्हें भारत ए की तरफ से वनडे और इंग्लैंड लॉयंस के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए तैयार रहने को कहा था।
शार्दुल ने कहा, मेरी फिटनेस में रोज सुधार हो रहा है। मैंने विदर्भ के खिलाफ मैच में वापसी की थी और उसके बाद से रोज मेरी स्थिति में सुधार हो रहा है। मैं अपनी पूरी गति के साथ गेंदबाजी नहीं कर पा रहा हूं, लेकिन मैं अभी स्पीड को लेकर चिंतित नहीं हूं। मैं कड़ी ट्रेनिंग कर रहा हूं और शीघ्र ही 100 प्रतिशत मैच फिट हो जाऊंगा।
शार्दुल एक टेस्ट मैच के अलावा 5 वनडे और 7 टी20 मैच खेल चुके हैं। टेस्ट डेब्यू में लगी चोट के बारे में उन्होंने कहा, चोट तो खेल का हिस्सा है। मैं दुर्भाग्यशाली हूं कि मेरे साथ ऐसा पदार्पण मैच में हुआ। यदि मैं कोई क्लब मैच खेल रहा होता और मुझे वहां चोट लगती तो भी मैं दुर्भाग्यशाली ही कहलाता।