मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य के गांव-गांव तक सड़क सम्पर्क को मजबूत और आवागमन को सुगम बनाने सड़क और पुलों के कामों के लिए पिछले दो साल में तेजी आयी है। राज्य सरकार ने इस दौरान 13 हजार 230 करोड़ रूपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। इसमें सड़क और पुलों और उनके मरम्मत के 4 हजार 50 काम शामिल है। इसके साथ ही प्रदेश के पहुंच विहीन सभी शासकीय भवनों-स्कूल-कॉलेज, आंगनबाड़ी, अस्पताल, धान संग्रहण केन्द्र, सार्वजनिक उपयोग के हाट बाजार, मेला स्थलों आदि को पक्के मार्ग से मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए 19 जून 2020 को श्री भूपेश बघेल द्वारा मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना प्रारंभ की गई है। राज्य सरकार के द्वारा प्रदेश के बेरोजगार युवकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए ई-श्रेणी के तहत पंजीयन कराने की योजना भी लागू की गई है। इसके साथ ही लोक निर्माण विभाग द्वारा धरसा विकास योजना शीघ्र लागू करने की कार्यवाही की जा रही है। जिसके तहत गांव के कच्चे रास्तों (धरसों) को पक्का किया जाएगा ताकि ग्रामीण एवं मवेशी बरसात सहित सभी मौसम में सुगमता से आवाजाही कर सके।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार के लोक निर्माण विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में सड़कों और पुलों के 4050 कार्याें के लिए 13 हजार 230 करोड़ रूपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। इनमें वित्तीय वर्ष 2019-20 में 839 कार्याें के लिए 2648 करोड़ 36 लाख रूपए और वित्तीय वर्ष 2020-21 में 274 कार्याें के लिए 1930 करोड़ 37 लाख रूपए स्वीकृत किए गए हैं। इसके अलावा छत्तीसगढ़ सड़क विकास निगम (सीजीआरडीसी) के तहत 768 कार्याें के लिए 8 हजार 400 करोड़ और मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना के तहत 2 हजार 169 कार्याें के लिए 252 करोड़ रूपए शामिल है।
लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश में सुगम आवागमन के लिए गुणवत्तापूर्ण सड़कों और पुलों के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। इसे ध्यान में रखते हुए सभी पुरानी सड़कों का रख-रखाव एवं नवीनकरण, सड़कों का दोहरीकरण तथा गुणवत्ता के साथ नए सड़कों और पुलों का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में स्थानीय बेरोजगार युवकों को रोजगार उपलब्ध कराने और स्थानीय संसाधनों के समुचित उपयोग के लिए अब निर्माण कार्याें के लिए 50 लाख के ठेके युवाओं को प्रदान किए जाएंगे। इसके लिए विभाग द्वारा वर्तमान में लागू एकीकृत पंजीयन प्रणाली के अंतर्गत श्रेणी ‘अ‘ ‘ब‘ ‘स‘ ‘द‘ के बाद नई श्रेणी ई को जोड़ गया है।