रायपुर/ पेंड्रा रोड से डेस्क रिपोर्ट। आखिरकार हो ही गया उपचुनाव । एम पी मे 28 सीटों पर उपचुनाव में जितने दौरे कांग्रेस और भाजपा के नहीं हुए उससे कहीं ज्यादा दौरे वीआईपी मूवमेंट सीआरपीएफ की एक्स्ट्रा फोर्स मरवाही क्षेत्र में देखने को मिली ।
मरवाही इस चुनाव से पहले जोगी परिवार के क्षेत्र के रूप में जाना जाता था जहां पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का रुतबा हमेशा रहा यहां को जनता ने उनको अपना आदिवासी मसीहा भी माना ।
त्रिकोणीय राजनीति का केंद्र मरवाही
मरवाही क्षेत्र में त्रिकोणीय राजनीति देखने को मिली मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विरुद्ध पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह चुनाव और स्वर्गीय पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के पुत्र अमित जोगी ने भरपूर दम लगाया । हालांकि बाद में अमित जोगी परिवार ने भाजपा को समर्थन दिया।
क्षेत्र का एक भी होटल खाली नहीं रहा ।
जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही कहने के लिए जिला है । यहां गिनेचुने 10 -12 ही ऐसे होटल है जहां रहने लायक व्यवस्था है । कार्यकर्ताओ नेताओं को रुकने के लिए मैरिज गार्डन तक बुक करने पड़े। कई नेताओं ने तो घरों को भी किराए पर लिए थे। क्षेत्र के होटल – रेस्टोरेंट की बात करें तो कोरॉना में जितना नुक़सान हुआ उससे कई गुना फायदा भी मिल गया । पेंड्रा क्षेत्र में तो एक मैरिज गार्डन को 5 लाख से अधिक किराया दिया गया। छोटे मोटे रेस्टोरेंट, परचून की दुकानें आदि खूब चली।
शासन – प्रशासन मुस्तैद अब थोड़ा आराम । गुरुकुल क्षेत्र केन्द्र बना।
गुरुकुल स्कूल क्षेत्र का सबसे पुराना और सुव्यवस्थित क्षेत्र है। यह गौरेला और पेंड्रा के लगभग बीच मे स्थित है जहां कलेक्ट्रेट एसपी ऑफिस और मतदान केंद्र बना है। जिला निर्वाचन अधिकारी से लेकर पुलिस अधीक्षक और आलाकमान अधिकारियों की व्यवस्था सभी यही से तय हुई।
जिले के पहले एसपी सूरज सिंह ट्वीट कर जानकारी देते है कि
प्रथम ज़िला, नया ज़िला, कोरोना, उपचुनाव और वो भी मरवाही का !
Z/Z+ कवर VIP के असंख्य दौरे, आयी हुई क़रीब १५०० फ़ोर्स का मैनेजमेंट,ग़ज़ब की सरगर्मी!
एक अनुभव रहा, यात्रा जारी है।
Thank you @dmawasthi_IPS86 sir, @ipskabra sir and Anand Sir and my team GPM for all the support🙏🏻
— Suraj Singh Parihar IPS🇮🇳 (@SurajSinghIPS) November 4, 2020
ऊपर दिए गए ट्वीट से पता चलता है कि चुनावी सरगर्मी में एक एसपी – एक कलेक्टर और पहला जिला , वो भी सिर्फ घोषित हाल ही बना हुआ , कितना प्रेशर रहा होगा । जहां पूर्व मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय नेतृत्व से लेकर वर्तमान मुख्यमंत्री और मंत्रियों की फौज के साथ छोटे बड़े नेताओं की भरमार से निष्पक्ष शांतिपूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया संपन्न करना अभी तक के चुनावों को सबसे बड़ी चुनौती रही होगी।
कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी डोमन सिंह कहते है कि
सबसे बड़ा चैलेंज कारोना काल में संक्रमित मुक्त मतदान और निष्पक्षता के साथ मतदान बूथों पर बिना किसी रुकावट के निर्वाचन प्रक्रिया संपन्न होना है।
जनता ने भी मंत्रालय देख लिया ।
सुनो खबर ने गौरेला , दत्तीपरा , डुमरिया , पेंड्रा , मरवाही आदि क्षेत्रों के मतदाताओं से जब पूछा कि उपचुनाव कैसा लगा तो जवाब मिला
हमने तो पूरा मंत्रालय नया रायपुर यही देख लिया है। वैसे तो ये मंत्री विधायक मिलते नहीं पर इन चुनावी दिनों में हेलीकॉप्टर , लक्सरी गाड़ियों की रैली , सैनिटाइजर के नए नए पैटर्न और कई नए चेहरे सब देख लिए को हम रायपुर बिलासपुर या नया रायपुर जाकर भी नहीं देख पाते है।