दिल्ली के जल मंत्री और दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष सतेंद्र जैन ने आज केशोपुर एसटीपी का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली सरकार हमेशा से दिल्ली के पर्यावरण को लेकर सजग रही है। उन्होंने री-साइकल, पुनः उपयोग, जीरो लिक्विड डिस्चार्ज और भूजल पुनर्भरण को ले कर अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि नई तकनीक का उपयोग कर के इसमें कामयाबी हासिल करने का प्रयास है।
मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि 100 प्रतिशत शोधित जल का पुनः नवीनीकरण हो और उसका पुन: उपयोग किया जाए। किसी भी एसटीपी से कोई भी शोधित पानी नालियों में नहीं छोड़ा जाएगा।
सतेंद्र जैन ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल का यह सपना है कि शोधित जल का एक-एक बूँद पुनः उपयोग में लाया जाये और दिल्ली जल बोर्ड इस सपने को साकार करने के लिए रोज़ काम कर रहा है। एसटीपी से निकलने वाली पानी की हर बूँद प्रयोग में लाया जाना सुनिश्चित किया जायेगा। वहीँ, एसटीपी में लगे सौर पैनलों के माध्यम से बिजली उत्पन्न किया जाएगा।
सीवेज के ओवर फ्लो ( अतिप्रवाह ) हो जाने की समस्या को लेकर मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा कि एसपीएस का स्वचालन किया जाना चाहिए, मैनुअल पंपिंग सही ढंग से काम नहीं कर पाता है|ल। मंत्री ने कहा कि 12 एमजीडी से निकलने वाले उच्च गुणवत्ता वाले उपचारित पानी को 30 किलोमीटर सिंचाई नहर नेटवर्क के माध्यम से किसानों को प्रदान किया जाना चाहिए। मंत्री ने बायो डाईजेस्टर को ठीक कर के कीचड़ से बिजली उत्पन्न किये जाने पर भी जोर दिया।
मंत्री ने कहा कि उपचारित पानी की लाइन को अध्यादेश वन, पचिम विहार के झील और आसपास के बड़े पार्कों,
ग्रीन बेल्ट एवं जंगलों में बिछाया जाना चाहिए| जिससे उपचारित पानी का 100 % पुनः उपयोग सुनिश्चित हो जाए |
उन्होंने कहा कि उपचारित पानी की लाइन को अध्यादेश वन, पश्चिम विहार के झील और आसपास के बड़े पार्कों, ग्रीन बेल्ट एवं जंगलों में बिछाया जाना चाहिए। जिससे उपचारित पानी का 100 प्रतिशत पुनः उपयोग सुनिश्चित हो जाए।