छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के साथ मंगलवार को भारत बंद के समर्थन में आए। कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में संवाददाताओं से चर्चा में मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से तीनों विवादित कानूनों को वापस लेकर देश से माफी मांगने की मांग की। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केन्द्र सरकार पर किसान बिल को लेकर हठधर्मिता का आरोप लगाते हुए कहा कि जब किसानों को ही ये कानून पसंद नहीं है तब बेवजह उन पर ये कानून क्यों थोपा जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा, भाजपा के लोग भी मंडल-कमंडल किए थे। आरक्षण की बात किए थे। लागू किया तो पूरे देश में आग लग गई। हमारी सरकार ने आरक्षण लागू किया तो कहीं लाठीचार्ज नहीं हुआ, बंद नहीं हुआ। कांग्रेस को ऐसा करना आता है। उसके पास अनुभव है।
मुख्यमंत्री ने कहा, भाजपा झूठ बोलने की फैक्ट्री है। ये लोगों को गुमराह कर रहे हैं, लेकिन अब किसान गुमराह नहीं हो रहे हैं। यह काला कानून है, इसे वापस लिया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री किसान तो हां या ना में बात कर रहा है। संशोधन की कोई गुंजाइश नहीं है। हमको यह चाहिए ही नहीं। आप मंडी कानून में सुधार करिए कौन रोक रहा है। पूरे देश में समर्थन मूल्य पर खरीदी की व्यवस्था करिए।
मुख्यमंत्री ने कहा, सरकार की हठधर्मिता की वजह से हजारों-लाखों किसान सड़कों पर बैठे हैं। आंसू गैस और लाठी चार्ज के बाद भी वे डटे हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, ऐसे समय में किसानों को दबाने और कुचलने के बाद बात करके केवल समय काटने का काम नहीं करना चाहिए। किसान तो केवल हां या ना में जवाब मांग रहा है। काले कानून आप खत्म कर रहे हैं अथवा नहीं कर रहे हैं। इसीलिए किसान दिल्ली घेरकर बैठे हैं।
निजी मंडियों का विरोध नहीं, एमएसपी की गारंटी चाहिए
मुख्यमंत्री ने कहा, तीनों कानून 62 करोड़ किसानों के खिलाफ है। कांग्रेस ने इसका शुरू से ही विरोध किया है। निजी मंडियों का विरोध नहीं, लेकिन यह सुनिश्चित कर दें कि निजी व्यापारी हो अथवा पैन कार्डधारी कोई व्यक्ति वह न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर खरीदी नहीं कर पाएगा। और सरकार पूरे देश में समर्थन मूल्य पर अनाज खरीदी की व्यवस्था करे।
छत्तीसगढ़ मॉडल की वकालत
मुख्यमंत्री ने कहा, यही अन्नदाता है, जिसने पूरे देश की अर्थव्यवस्था को संभाला हुआ है। पूरे देश में जहां दूसरे क्षेत्रों में डी-ग्रोथ रहा वहां कृषि क्षेत्र में 3.4 प्रतिशत ग्रोथ दर्ज हुआ। यही एग्रीकल्चर सेक्टर है जहां राजीव गांधी किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना का पैसा सरकार ने दिया। लघु वन उपजों की खरीदी हुई तो पूरे देश में मंदी के बावजूद छत्तीसगढ़ में इसका असर नहीं दिखा। छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था मॉडल को ही पूरे देश में लागू क्यों नहीं किया जा सकता।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में धान खरीदी के लिए लघु एवं सीमांत किसानों को प्राथमिकता के आधार पर टोकन जारी करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने सभी जिला कलेक्टरों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि सहकारी समितियों से धान खरीदी के लिए लघु एवं सीमांत किसानों को प्राथमिकता से टोकन जारी किए जाए। उन्होंने कलेक्टरों से यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि जारी किए जाने वाले टोकनों में 70 प्रतिशत टोकन लघु एवं सीमांत किसानों को जारी हों और सभी जिलों में यह प्रयास भी किया जाए कि लघु एवं सीमांत किसानों के धान विक्रय के लिए पंजीकृत रकबे के विरूद्ध धान की खरीदी एक बार में ही पूर्ण कर ली जाए।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने धान खरीदी में किसानों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। किसानों के पंजीकृत रकबे और गिरदावरी के रकबे में त्रुटि होने पर रकबे का परीक्षण कर तत्काल संशोधन करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए हैं। इसी कड़ी में लघु और सीमांत किसानों की सुविधा का ध्यान रखते हुए मुख्यमंत्री ने सहकारी समितियों से जारी होने वाले 70 प्रतिशत टोकन लघु और सीमांत किसानों को जारी करने और सभी जिलों में लघु और सीमांत किसानों के पंजीकृत रकबे के धान की खरीदी एक बार में ही पूर्ण करने के प्रयास के निर्देश दिए हैं।