देश के सबसे बड़े लौह अयस्क उत्पादक एवं सार्वजनिक क्षेत्र की नवरत्न कंपनी एनएमडीसी ने वर्ष 2020 की संकटपूर्ण स्थितियों में उल्लेखनीय प्रदर्शन के पश्चात वर्ष 2021 के प्रथम माह में भी अपना उत्कृष्ट कार्य निष्पादन जारी रखा।
जनवरी, 2021 के दौरान लौह अयस्क उत्पादन 3.86 मिलियन टन रहा जो जनवरी, 2020 के 3.31 मिलियन टन उत्पादन से 16.7% की प्रगति दर्शाता है। जनवरी, 2021 का यह उत्पादन एनएमडीसी की स्थापना से लेकर अब तक जनवरी माह में हुआ सर्वाधिक उत्पादन है। 31 जनवरी, 2021 को एनएमडीसी ने एक दिन में 1.65 लाख टन का उत्पादन किया जो इस वर्ष किसी भी दिन किए गए उत्पादन से अधिक है।
लौह अयस्क की बिक्री जनवरी, 2021 में 3.74 एमटी रही जो कि जनवरी, 2020 के 2.96 एमटी की बिक्री से 26.4 % अधिक है।
लौह अयस्क का उत्पादन वित्त वर्ष 2021 में जनवरी तक 25.66 एमटी है जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के लगभग समान है। इसी प्रकार लौह अयस्क की बिक्री वित्त वर्ष 2021 में 26.01 एमटी है जो इस वर्ष कोविड-19 के प्रतिबंधों के बावजूद पिछले वर्ष की इसी अवधि से कुछ अधिक है।
इस वर्ष उत्पादन तथा बिक्री के उत्साहजनक आंकड़ों को देखते हुए एनएमडीसी निश्चित ही पिछले वर्ष से अधिक उत्पादन एवं बिक्री कर सकेगा। कोविड-19 महामारी से उत्पन्न हुई समस्याओं के बावजूद 2020-21 में सुस्थिर निष्पादन तथा प्रदर्शन में निरंतर सुधार एनएमडीसी टीम के दृढ़ निश्चय एवं धैर्य को दर्शाता है।
उत्पादन की उपलब्धियों पर टिप्पणी करते हुए श्री सुमित देब, अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक, एनएमडीसी ने कहा कि, “एनएमडीसी उद्योग में अपने नेतृत्व को बनाए रखने तथा उसमें वृद्धि करने की राह पर है। हमने 2020 के संकटकाल के दौरान उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है तथा आधुनिक प्रक्रियाओं के कार्यान्वयन के साथ हमें विश्वास है कि हम इससे भी बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे। एनएमडीसी एसएपी एस-4 हाना का कार्यान्वयन करने वाला सार्वजनिक क्षेत्र का पहला उद्यम है जिसने हमें खनन उद्योग में डिजिटल परिवर्तन लाने में अग्रणी बनाया है। मैं एनएमडीसी की टीम को वर्ष के प्रारंभ में इस प्रकार के अच्छे कार्य निष्पादन के लिए बधाई देता हूं तथा मुझे विश्वास है कि आगे आने वाले समय में हम नई उपलब्धियां हासिल करेंगे।”
बजट पर टिप्पणी करते हुए श्री देब ने कहा कि “केंद्रीय बजट में आधारभूत सुविधाओं के साथ विनिर्माण पर बल दिया गया है। इससे इस्पात की मांग में वृद्धि होगी जिसके कारण लौह अयस्क की मांग भी बढ़ेगी। एनएमडीसी अपनी 7 प्रचालनात्मक लौह अयस्क खानों के साथ देश में लौह अयस्क की बढ़ती हुई मांग को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। इन क्षेत्रों में अधिक व्यय के साथ बजट में अर्थव्यवस्था के पुनरूत्थान की दिशा में सही कदम उठाया गया है। आधारभूत सुविधाओं तथा अन्य क्षेत्रों में अधिक बल देकर निजी एवं सार्वजनिक निवेश के माध्यम से देश में रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी।”