रायपुर/ जल जीवन मिशन छत्तीसगढ़ के मिशन संचालक एस. प्रकाश ने शुक्रवार को लोककला, साहित्य, संस्कृति और फिल्मों से जुड़े संस्थाओं के प्रतिनिधियों से राज्य की महत्वाकांक्षी योजना के संबंध में चर्चा की। उन्होंने बताया कि राज्य के हर घर में स्थानीय निकाय पंचायतों के सहयोग से पाईप लाईन के माध्यम से हर घर तक शुद्ध पेयजल की उपलब्धता इस योजना में सुनिश्चित की जानी है। पेयजल की सप्लाई की व्यवस्था का सुचारू रूप से संचालन किये जाने के लिए न्यूनतम राशि का भुगतान हर लाभान्वित परिवार को मासिक रूप से करना सुनिश्चित करें। स्थानीय निकायों द्वारा इसमें लचीलापन किया जा सकता है। नल कनेक्शन के लिये घर तक की जाने वाली पाईप लाईन की व्यवस्था के लिए अनुसूचित क्षेत्रों में 5 प्रतिशत और वनाच्छादित क्षेत्रों को एवं सामान्य क्षेत्र में 10 प्रतिशत तक का जन भागीदारी के रूप में राशि ली जाएगी। शेष राशि का राज्य और केंद्र सरकार द्वारा वहन की जाएगी।

संचालक जल जीवन मिशन से मिली जानकारी के अनुसार जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत प्रत्येक घर तक पेयजल पहुँचाने की योजना को तीन भागों में बांटा गया है। पहले चरण में रेट्रोफिटिंग योजना में पूर्व से लागू नल जल योजना को ही परिवर्धित किया गया है, जिसमें पूरे राज्य में पूर्व से संचालित जल प्रदाय योजनाओं में ग्रामीण क्षेत्र में हर घर तक शुद्ध पानी पाईप लाईन से पहुँचाना सुनिश्चित किया जाएगा। पाईप लाइनों का संधारण कार्य किया जाएगा। जल वितरण व्यवस्था के लिये संचालन खर्च शुरुआती समय के लिये स्वीकृत योजना की 10 प्रतिशत राशि कार्पस फंड के रूप में केंद्र सरकार उपलब्ध करायी जा रही है। इसी तरह पंचायतों के माध्यम से योजना से लाभान्वित हितग्राहियों से सहयोग राशि एकत्र की जाएगी। सिंगल विलेज योजना के अंतर्गत जिन ग्रामों में पूर्व से नल जल योजना लागू नहीं है, वहाँ पर उपलब्ध भू-गर्भ जल के लिए बोर, पाईप, पम्प, टंकी, वितरण लाईन, बिजली कनेक्शन, संचालन व्यवस्था बनाने शुरुआती खर्च के लिए फंड केंद्र राज्य सरकार मिल कर कर रही हैं। तीसरे चरण में पेयजल संबंधी समस्या मूलक ग्रामों जहां भू-गर्भ जल प्रदूषित है, आर्सेनिक आयरन, फ्लोराइड जैसी अशुद्धि की समस्या है वहां फिल्टर प्लांट इत्यादि के लिए पेयजल हेतु समूह ग्राम योजना बनाई जा रही है।

छत्तीसगढ़ सरकार ने मार्च 2024 तक सभी घरों तक उच्च गुणवत्ता का शुद्ध पेयजल पहुँचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसमें जनभागीदारी सुनिश्चित किये जाने के लिए नाम मात्र की अंश राशि प्रतिमाह पानी के लिये लिया जाना है। लोगों में पेयजल संबंधी जागरूकता के लिए नाट्य मंडलियों, शार्ट फिल्मों, गीतों, कविताओं, चित्र प्रदर्शनियों, पोस्टरों का उपयोग किया जाएगा। कार्यशाला में उपस्थित रचनाकारों, नाट्य मण्डली संचालकों, निर्देशकों, गीतकारों तथा लघु-फिल्म निर्माताओं से जल्द से जल्द इन विषयों पर जागरूकता के लिए प्रस्तुतियां उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया है। इस जल जीवन मिशन में की जाने वाली पाईप लाईन पेयजल की व्यवस्था की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिये तीसरी एजेंसी द्वारा कार्य की गुणवत्ता का मूल्यांकन स्वतंत्र रूप से सुनिश्चित किया जाएगा।