राज्य सरकार के गृह विभाग द्वारा महिलाओं और बच्चों पर घटित अपराधों के संदर्भ में पुलिस सहायता के लिए राज्य के 378 थानों में महिला डेस्क बनाया गया है, जहां पीड़ित महिला एवं बच्चे महिला पुलिस अधिकारियों को अपने ऊपर घटित घटनाओं की शिकायत बेझिझक दर्ज करा रहे हैं। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि महिलाओं एव बच्चों के विरूद्ध घटित अपराधों की सारभूत विवेचना तथा अपराधियों की त्वरित गिरफ्तारी कर न्यायालय से दंडित कराने के उद्देश्य से राज्य के छह जिलों रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, जांजगीर-चांपा एवं रायगढ़ में इनवेस्टीगेटिव युनिट फार क्राईम अगेन्स्ट वुमेन (आई.यू.सी.ए.डब्ल्यू.) संचालित है।
अधिकारियों ने बताया कि महिलाएं एवं बच्चों की सुरक्षा के लिए प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में पुलिस अधीक्षक के अधीन पारिवारिक सहायता केन्द्र भी संचालित है। यहां पारिवारिक कला, घरेलू हिंसा के कारण पति-पत्नी एवं परिजनों के बीच मनमुटाव के कारण होने वाले बिखराव को रोकने तथा मतभेदों को दूर करने के लिए काउंसलिंग के जरिए विवाद सुलझाने का सार्थक प्रयास किया जा रहा है। पारिवारिक सलाह केन्द्रों में महिला चिकित्सक, समाज सेवी एवं अधिवक्ता काउंसलर उपस्थित रहते हैं। राज्य के चार जिलों बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग तथा सरगुजा में महिला थाना भी संचालित है। कार्यस्थलों पर महिला उत्पीड़न रोकने के लिए सभी जिला एवं संभाग तथा पुलिस मुख्यालय स्तर पर आंतरिक शिकायत समिति का भी गठन किया गया है।