पश्चिम मध्य रेलवे (WCR) देश का पहला पूर्ण विद्युतीकृत जोन बन गया है। जोन के अंतर्गत आने वाली 3012 किमी की रेलवे लाइन विद्युतीकृत हो चुकी है। इसका एक बड़ा फायदा ये हुआ है कि डीजल इंजन बंद होने से रेलवे को लगभग 100 करोड़ रुपए की बचत हुई है। वहीं 33 ट्रेनों के इंजन बदलने में लगने वाले वक्त की बर्बादी कम होने से ट्रेनों की टाइमिंग रि-शेड्यूल करने में मदद मिली है। अब मालगाड़ी 30 की बजाए 56.76 किमी तो यात्री ट्रेनों की रफ्तार 80-100 से बढ़ाकर 130 किमी प्रति घंटा करने में सफलता मिली है।
जानकारी के अनुसार रेल मंत्रालय ने सितंबर 2017 में सौ प्रतिशत विद्युतीकरण कार्यक्रम की घोषणा की थी। तब जोन के अंतर्गत आने वाली रेल लाइनों का 50 प्रतिशत भी विद्युतीकृत नहीं हो पाया था। चार सालों में पमरे ने ये उपलब्धि प्राप्त की है। पमरे जीएम शैलेंद्र कुमार सिंह के मुताबिक 2016-17 तक पमरे के अंतर्गत आने वाली कुल 1695 किमी की लाइन ही विद्युतीकृत हो पाई थी। यह कुल रूट का 53.60 प्रतिशत ही था।
पमरे जीएम के मुताबिक रेलवे लाइन के विद्युतीकृत होने के साथ ही अनवरत बिजली सप्लाई के लिए कुल 40 सब स्टेशन स्थापित किए गए हैं। इसमें जबलपुर मंडल में 15, भोपाल मंडल में 14 और कोटा मंडल में11 टेक्शन सब-स्टेशन बनाए गए हैं। इसी टेक्शन सब-स्टेशन पर 132/220 केवी की बिजली आपूर्ति राज्य सरकार से होती है। इसके बाद 25 केवी एसी टेक्शन ओएचई लाइनों में ट्रांसफार्मर और आपूर्ति की जाती है।