गणतंत्र दिवस से ठीक पहले अपनी सैन्य शक्ति को मजबूत करने की तरफ भारत ने एक और बड़ा कदम उठाया है. गुरुवार को ओडिशा के तट से एक युद्धपोत से लंबी दूरी के सतह से हवा में मार करने वाले प्रक्षेपास्त्र का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया. जिस मिसाइल का परीक्षण किया गया है वह नई एंटी-रेडिएशन मिसाइल है, जो करीब 100 KM. तक दुश्मनों के छक्के छुड़ा सकती है.
इस प्रक्षेपास्त्र ने हवाई लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाया. इसे नौसेना की वायुरोधी युद्ध क्षमता में मील के पत्थर के तौर पर देखा जा रहा है.
गुरुवार को रक्षा मंत्रालय की ओर से बयान जारी कर कहा गया, “पोत से प्रक्षेपित लंबी दूरी के सतह से हवा में मार करने वाले प्रक्षेपास्त्र (LRSAM) का INS चेन्नई से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया. इसने कम ऊंचाई पर आ रहे हवाई लक्ष्य को सफलतापूर्वक भेदा.” रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी DRDO को बधाई दी.
आधिकारिक बयान में कहा गया कि प्रक्षेपास्त्र ने अपने लक्ष्य को सीधे निशाना बनाकर उसे नष्ट किया और इस परीक्षण के दौरान अभियान के सभी मानकों को पूरा किया गया. इस प्रक्षेपास्त्र का विकास रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और मैसर्स इस्राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज ने भारतीय नौसेना के लिए किया है.
गौरतलब है कि ये मिसाइल सिस्टम पूरी तरह से लागू हो जाने के बाद इसे युद्धपोतों पर तैनात किया जाएगा. साफ है कि ये मिसाइल दुश्मनों के हमले से बचाएगा और साथ ही प्रतिद्वंदी को तहस-नहस कर देगी.
गुरुवार का दिन ना सिर्फ सेना के लिहाज से बल्कि अंतरिक्ष क्षेत्र में भी भारत के लिए गर्व भरा दिन रहा. एक तरफ डीआरडीओ ने इस मिसाइल का परीक्षण किया तो वहीं इसरो ने भी कलामसैट और माइक्रोसैट का सफल परीक्षण किया, जो कि ऐतिहासिक है.