देश आज 70वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राजपथ पर ध्वजारोहण किया। लांस नायक नजीर अहमद वानी को मरणोपरांत अशोक चक्र से नवाजा गया।
11:28 AM: 5 जगुआर विमानों ने एयरोहेड फॉर्मेशन बनाई। इसके बाद तीन सुखोई-30 विमानों ने त्रिशूल फॉर्मेशन का प्रदर्शन किया। सुखोई ने 900 किमी/घंटे की रफ्तार से उड़ान भरी।
11:23 AM: हर्क्यूलिस फॉर्मेशन में वायुसेना के तीन विमानों फ्लाईपास्ट किया। इसके बाद एएन-32 विमान सतलुज फॉर्मेशन, तीन अन्य विमानों ने नेत्र और ग्लोब फॉर्मेशन का प्रदर्शन किया।
11:12 AM: बिहार और कोलकाता के सरकारी स्कूल के 152 छात्र-छात्राओं ने बापू के स्वच्छ भारत के सपने पर नृत्य का प्रदर्शन किया।
11:11 AM: चाणक्यपुरी के नेवी चिल्ड्रन स्कूल के बच्चों की ‘जय घोष’ की प्रस्तुति:
11:10 AM: प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार पाने वाले बच्चों और युवाओं की झांकी। हाथियों की जगह इस बार पुरस्कार पाने वाले 26 बच्चे जीप पर सवार होकर गुजरे। इन बच्चों को शैक्षणिक, खेल, बहादुरी और नवाजार जैसे 6 क्षेत्रों से चुना गया।
11:07 AM: केंद्रीय लोकनिर्माण विभाग की तरफ से बागवानी विभाग की झांकी दिखाई गई।
11:06 AM: कृषि मंत्रालय की झांकी में गांधीजी के किसानों के लिए किए गए कामों को दिखाया गया।
11:04 AM: भारतीय रेल की झांकी में दक्षिण अफ्रीका में गांधीजी के रेल यात्रा को दिखाया गया।
11:03 AM: पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय की झांकी में स्वच्छ भारत को दर्शाया गया।
11:02 AM: ऊर्जा मंत्रालय की झांकी में ग्रामीण इलाकों में बिजली आने की खुशी का प्रदर्शन किया गया।
11:01 AM: पश्चिम बंगाल की झांकी में गांधीजी के कोलकाता प्रवास और टैगोर को दिखाया गया।
11:00 AM: उत्तरप्रदेश की झांकी में गांधीजी की वाराणसी और काशी की का प्रदर्शन किया गया।
10:58 AM: दिल्ली की झांकी में गांधीजी के बिड़ला हाउस प्रवास को दिखाया गया।
10:57 AM: अनासक्ति आश्रम और योग पर आधारित रही उत्तराखंड की झांकी।
10:55 AM: कर्नाटक की झांकी में गांधीजी और बेलगावी सत्र को दिखाया गया।
10:53 AM: जम्मू कश्मीर की झांकी में मिली-जुली संस्कृति के गांधीजी के संदेश का प्रदर्शन किया गया।
10:52 AM: गुजरात की झांकी में गांधीजी की ऐतिहासिक दांडी मार्च को दिखाया गया।
10:50 AM: गांधी के पहनावे में बदलाव पर आधारित थी तमिलनाडु की झांकी।
10:47 AM: पंजाब की झांकी में जलियांवाला बाग नरसंहार का प्रदर्शन किया गया।
10:45 AM: अरुणाचल प्रदेश की झांकी में गांधीजी का स्वच्छता का संदेश दिया गया।
10:44 AM: सर्वधर्म सम्भाव के संदेश के साथ गोवा राज्य की झांकी निकाली गई।
10:42 AM: त्रिपुरा राज्य की झांकी में गांधीवादी तरीके से सशक्तीकरण पर आधारित ग्रामीण व्यवस्था को दिखाया गया।
10:41 AM: असम राज्य की झांकी का प्रदर्शन
10:39 AM: महाराष्ट्र की झांकी में भारत छोड़ो आंदोलन का प्रदर्शन किया गया।
10:37 AM: राजपथ पर सबसे पहली झांकी सिक्किम और इसके बाद अंडमान-निकोबार द्वीप समूह की झांकी निकली।
10:35 AM: सीमा सुरक्षा बल के ऊंट दस्ते और दिल्ली पुलिस दस्ते की सलामी।
10:32 AM: भारतीय तटरक्षक और सीआरपीएफ दस्ते की सलामी।
10:30 AM: असम राइफल्स की पूरी महिला टुकड़ी पहली बार परेड में शामिल हुई। मेजर खुशबू कंवर ने नेतृत्व किया।
10:28 AM: डीआरडीओ ने परेड में मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल और रिकवरी वाहन अर्जुन को पहली बार शामिल किया।
10:25 AM: नौसेना मार्चिंग दस्ते की झांकी, इसमें 144 युवा नौसैनिक शामिल हुए। इससे पहले भूतपूर्व सैनिकों के एक दस्ते ने भी सलामी दी।
10:23 AM: वायुसेना बैंड की झांकी निकली। इसके बाद वायुसेना दस्ते ने सलामी दी।
10:21 AM: सेना सेवा कोर के दस्ते और कंबाइंड बैंड दस्ते ने मार्चपास्ट किया। इसके बाद 102 इनफैंट्री बटालियन पंजाब के दस्ते ने दी सलामी दी।
10:20 AM: मद्रास रेजीमेंट, राजपूताना राइफल्स और उसके बाद सिख रेजीमेंट ने सलामी दी।
10:17 AM: वायुसेना के ध्रुव और रुद्र हेलिकॉप्टर ने फ्लाईपास्ट किया। इन हेलिकॉप्टरों ने आसमान में डायमंड फॉर्मेशन बनाई।
10:16 AM : आकाश हथियार प्रणाली की तरफ से सलामी दी गई।
10:14 AM: एम-777 ए-2 अल्ट्रा लाइट होवित्जर तोप ने सलामी दी।
10:13 AM: युद्धक टैंक टी-90 भीष्म की झांकी निकली। कैप्टन नवनीत एरिक ने दस्ते का नेतृत्व किया।
10:11 AM: देश के एकमात्र घुड़सवार दस्ते 61 कैवलरी ने परेड की सलामी दी।
10:07 AM: मेजर जनरल राजपाल ने परेड में सबसे पहले सलामी दी।
10:05 AM: एमआई-17 हेलिकॉप्टर ने पुष्प वर्षा की।
10:02 AM: लांस नायक नजीर वानी को मरणोपरांत को अशोक चक्र प्रदान किया गया।
10.00 AM: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ध्वजारोहण किया।
9.55 AM: मोदी ने मुख्य अतिथि साइरिल रामफोसा का स्वागत किया।
9.50 AM: मोदी राजपथ पर पहुंचे।
पहली बार परेड में 90 साल से ज्यादा की उम्र सैनिक
गणतंत्र दिवस की परेड में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज (आईएनए) के चार पूर्व सैनिक शामिल हुए। इनमें लालतीराम (98), परमानंद (99), हीरा सिंह (97), और भागमल (95) शामिल हैं। आईएनए के सैनिकों को इस परेड में पहली बार बुलाया गया।
परेड के लिए 600 घंटे तैयारी करता है हर जवान
भारतीय सेना 26 जनवरी की परेड की तैयारी अगस्त से ही शुरू कर देती है। इस दौरान परेड के लिए एक जवान करीब 600 घंटे का अभ्यास करता है। जवानों की शुरुआती तैयारी अपनी रेजीमेंट में होती है। दिसंबर से वे दिल्ली में परेड की तैयारी करते हैं। 26 जनवरी 1950 को पहला गणतंत्र दिवस राजपथ पर नहीं, बल्कि इर्विन स्टेडियम (आज का नेशनल स्टेडियम) में मनाया गया था। 1950 से 1954 तक गणतंत्र दिवस का समारोह कभी इर्विन स्टेडियम, कभी किंग्सवे कैंप, कभी लाल किला तो कभी रामलीला मैदान में होता रहा। 1955 में पहली बार गणतंत्र दिवस समारोह राजपथ पहुंचा। तब से आज तक नियमित रूप से यहीं हो रहा है।
विदेशी मेहमान मुख्य अतिथि
गणतंत्र दिवस के मौके पर 1950 से ही विदेशी प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और राजाओं को बुलाने की परंपरा रही है। अब तक समारोह में अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन, पाकिस्तान और चीन से लेकर पड़ोसी राज्य भूटान, श्रीलंका के मुखिया इसका हिस्सा बन चुके हैं। फ्रांस के प्रतिनिधि सबसे ज्यादा बार गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि बने हैं। पहले गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो मेहमान बने थे। 2015 में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे। हालांकि, इस बार भी भारत सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को समारोह में आमंत्रित किया था, लेकिन उनके इनकार के बाद द. अफ्रीका के राष्ट्रपति साइरिल रमपोसा को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया गया।
कुछ खास तथ्य
26 जनवरी 1950 को सुबह 10:18 बजे पर भारत का संविधान लागू किया गया।
डॉ.राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी 1950 को गवर्नमेंट हाउस में भारत के पहले राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली थी।
1952 में सेना के बैंड ने पहली बार महात्मा गांधी के मनपसंद गीत की धुन बजाई थी।
1953 में पहली बार लोक नृत्य और आतिशबाजी को भी समारोह का हिस्सा बनाया गया।
1959 से गणतंत्र दिवस समारोह में दर्शकों पर वायुसेना के हेलिकॉप्टर्स से फूल बरसाने की शुरुआत हुई थी।
गणतंत्र दिवस परेड और बीटिंग रिट्रीट समारोह के लिए टिकटों की बिक्री 1962 में शुरू की गई थी।
1970 से राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी देने की शुरुआत हुई जो अब तक कायम है।
गणतंत्र दिवस समारोह का समापन 29 जनवरी को रायसीना हिल्स पर ‘बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी’ से होता है। बीटिंग द रिट्रीट सेना की बैरक वापसी का प्रतीक है। 1965 और 1971 में भारत- पाक युद्ध के दौरान दो बार बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी नहीं हुई।