नई दिल्ली: राष्ट्रीय जल जीवन मिशन (एनजेजेएम), पेयजल एवं स्वच्छता विभाग (डीडीडब्लूएस),जल शक्ति मंत्रालय ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए एक परामर्श जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि वे घरेलू नल जल कनेक्शनों का 90 प्रतिशत से ज्यादा कवरेज प्राप्त करने वाले गांवों में शेष बचे हुए परिवारों को प्राथमिकता के आधार पर नल जल कनेक्शन उपलब्ध कराएं। राज्यों से समानता और समग्रता के सिद्धांत के आधार पर जल जीवन मिशन (जेजेएम) के अंतर्गत एक गांव के सभी घरों में पीने योग्य नल जल उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया है। जेजेएम के अंतर्गत, प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नियमित और दीर्घकालिक आधार पर निर्धारित मात्रा में पर्याप्त गुणवत्ता के साथ नल जल की आपूर्ति प्रदान की जानी है और यह सुनिश्चित करना है कि इस सुविधा से’ कोई भी वंचित न रह जाए।’ यह भी याद दिलाया गया कि प्रत्येक गांव को ‘हर घर जल’ गांव में परिवर्तित करने का लक्ष्य है क्योंकि यह समानता और समग्रता के दृष्टिकोण को दर्शाता है। इसके अलावा, इन परिवारों के कवरेज प्रदान करने से राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में ‘हर घर जल’ गांवों की संख्या में भी सुधार आएगा।

राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा प्रदान की गई रिपोर्ट के अनुसार, देश में 21,000 से ज्यादा गांव हैं जहां पर शेष बचे हुए 10 प्रतिशत घरों में अभी घरेलू नल जल की आपूर्ति किया जाना है। इस बात पर बल दिया गया कि मौजूदा पेयजल आपूर्ति प्रणालियों में रेट्रोफिटिंग/संवर्धन कार्य शुरू करके इन परिवारों को आसानी से कवर किया जा सकता है और इस प्रकार बिना किसी विलम्ब के इन्हें प्राथमिकता प्रदान की जा सकती है और इस महीने के अंत तक इसका शत-प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित किया जा सकता है। इस विषय की नियमित रूप से समीक्षा भी की जाएगी।

जल जीवन मिशन केंद्र सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसे राज्यों की साझेदारी में लागू किया जा रहा है, जिसक उद्देश्य 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल कनेक्शन द्वारा जल उपलब्ध किया जाना है। इस मिशन केदो वर्षों से भी कम समय में और कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न होने वाली चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, 4.17 करोड़ से ज्यादा घरों को नल जल कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। 61 जिलों, 731 ब्लॉकों, 89,000 से ज्यादा गांवों को ‘हर घर जल’ बनाया जा चुका है यानी इन क्षेत्रों में 100 प्रतिशत घरों में नल जल आपूर्ति की जा रही है, जिसके कारण देश में 7.41 करोड़ से ज्यादा (38.6%) ग्रामीण परिवारों को अपने घरों में पीने योग्य नल जल प्राप्त हो रहा है।

प्रत्येक घर में सुनिश्चित नल जल आपूर्ति का प्रावधान ग्रामीण समुदायों के लिए ‘ईज ऑफ लिविंग’लेकर आता है, विशेषकर महिलाओं के लिए दूर-दराज से पानी लाने से होने वाली कठिनाइयों से मुक्ति दिलाकर। घर में उपलब्ध सुरक्षित पानी लोगों को नियमित रूप से हाथ की सफाई का अभ्यास करने और सार्वजनिक स्थलों पर कतारों से बचते हुए शारीरिक दूरी का पालन करने में भी सहायता प्रदानकरता है, जो कि कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण उपाय हैं।