कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कई जन हितैषी योजनाओं का ऐलान किया था। हालांकि, पूर्व की तरह कोरोना काल में भी किए गए वादे सरकार भूल चुकी है। लेकिन इस बार वादों को भूलना राज्य सरकार को महंगा पड़ सकता है। दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले के बाद जिसमें कोर्ट ने वादे को पूरा करने का निर्देश दिया है अब मध्य प्रदेश में भी इस तरह की याचिका दायर करने की पैरवी की जा रही है.
इन वादों को पूरा नहीं कर पाई है सरकार
1 लाख रुपए अनुग्रह राशि की घोषणा:– इसी साल 20 मई को सीएम शिवराज ने एक राज्य सरकार के एक फैसले का ऐलान करते हुए कहा था कि कोरोना के कारण दूसरी लहर में जिस परिवार में मृत्यु हुई है उस परिवार को एक लाख रुपए की अनुग्रह राशि दी जाएगी। इस ऐलान के दौरान सीएम ने कहा था कि, ‘आखिर उनके घर संकट आई है, हम केवल शाब्दिक सहानुभूति देकर नहीं रह सकते। वो हमारे अपने लोग हैं। हमने कोशिश की हम बचा नहीं पाए। परिवार का तो नुकसान हो गया। लेकिन उस परिवार को एक लाख रुपए अनुग्रह राशि दी जाएगी।
ऑक्सीजन प्लांट लगाने की बात हवा-हवाई
सीएम शिवराज ने कोरोना की पहली लहर के दौरान ही 6 महीनों के भीतर बाबई के मोहासा में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का घोषणा की थी। यहां बड़े धूमधाम से भूमिपूजन तक किया गया था। सीएम की घोषणा के बाद निर्माण की डेडलाइन भी पिछले साल ही दिसंबर में पूरी हो गई थी। लेकिन भूमिपूजन के अलावा कार्य में कोई प्रगति नहीं हुई। इतना ही नहीं बीते साल सितंबर में 9 जिलों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने के टेंडर जारी किए गए थी। दावा था कि 6 महीने के भीतर ऑक्सीजन प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा।
राशन, एजुकेशन और पेंशन
कोविड-19 के दौरान सैंकड़ों बच्चे अनाथ हो गए। सीएम ने तत्काल घोषणा किया है कि ऐसे बच्चों को राज्य सरकार फ्री राशन, मुफ्त शिक्षा के साथ पेंशन देगी ताकि उनके भरण पोषण में कोई दिक्कत न हो। इस योजना से संबंधित कार्य भी शुरू हो चुके हैं, हालांकि जमीनी हालात ये हैं कि अनाथ होने वालों की संख्या सैंकड़ों में है और सरकार ने सिर्फ कुछ बच्चों को चिन्हित किया है। कई मामले तो ऐसे हैं कि मां-बाप का साया उठने के बाद बच्चे कार्यालयों का चक्कर काटते फिर रहे हैं ताकि वह ये साबित कर पाएं की उनके मां-बाप कोरोना वायरस के कारण दुनिया से चले गए। लेकिन सरकार उन्हें कोरोना मृतक मानने से इनकार कर दे रही है।
पत्रकारों को इलाज फ्री
मुख्यमंत्री ने घोषणा कर पत्रकारों अधिमान्य और गैर अधिमान्य को कोरोना महामारी के उपचार में फ्री सुविधा दी जाएगी. साथ ही मृतकों के परिजनों को 50-50 लाख दिए जाएंगे . जो हवा हवाई बातें निकलें.