बलौदाबाज़ार चाइल्ड लाइन टीम द्वारा बच्चों को शोषण से बचाने के लिए सिमगा विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम कुथरौद में स्थित गृहिणी महिला सबलीकरण में ओपन हाउस व एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा गया।
जिसमें आँगन बाड़ी कार्यकर्ता , मितानिन,गाँव की महिलाओ एवं बच्चों को बाल संरक्षण कानूनों सहित कोरोना कोविड के बारे में बताया गया। चाइल्ड लाइन टीम के डायरेक्टर रुपा श्रीवास्तव ने गृहिणी संस्था के बारे में जानकारी दी एवं जिला समन्वयक रेखा शर्मा ने बताया कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की परियोजना चाइल्ड लाइन 1098 गृहिणी स्वयं सेवी संस्था द्वारा संचालित है। जो की विगत 2 वर्षों से जिलें में बच्चों के संरक्षण हेतु कार्य कर रहे हैं। परेशानियों में फंसे बच्चों के लिए स्वयंसेवक बनने का कार्य किया जाता है। कोई बच्चा बीमार और अकेला हो, किसी बच्चे को आश्रय की जरूरत हो, कोई बच्चा गुम हो गया हो,किसी बच्चे के साथ शोषण हो रहा हो, किसी बच्चे के साथ मारपीट कर रहा हो किसी बच्चे का बाल विवाह हो रहा हो कोई बच्चा बेघर व बेसहारा हो कोई बच्चा नशे में लिप्त हो ऐसे बच्चे जिन्हें देखभाल व सुरक्षा जी जरूरत हो । ऐसे किसी भी बच्चे की मदद की जरूरत पर तुरंत 1098 पर कॉल कर निःशुल्क मदद ली जा सकती है। साथ ही उन्होंने आगें बताया कि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने के लिए पोक्सो अधिनियम बनाया गया है। इस अधिनियम (कानून ) को महिला और बाल विकास मंत्रालय ने साल 2012 पोक्सो एक्ट -2012 के नाम से बनाया था। इस कानून के जरिए नाबालिग बच्चों के प्रति यौन उत्पीड़न,यौन शोषण और पोर्नोग्राफी जैसे यौन अपराध और छेड़छाड़ के मामलों में कार्रवाई की जाती है। इस कानून के अंतर्गत अलग -अलग अपराध के लिए अलग -अलग सजा निर्धारित की गई है। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में ग्रामीण विकास अधिकारी शिशिर मिश्रा मौजूद रहे। साथ ही चाइल्ड लाइन काउंसलर गीता वर्मा , टीम मेंबर सुरेंद्र वर्मा, सोमेंद्र साहु,मीरा साहु,ऊषा साहु, गिलिश चतुर्वेदी, जितेन्द्र भारती,टुकेश तिवारी उपस्थित रहें।