भोपाल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने प्रदेश मे बाढ़ और प्राकृतिक आपदा को देखते हुए ट्रांसफर पर 7 अगस्त से रोक लगा दी थी.

आज जारी आदेश के अनुसार फिर से अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले 31 अगस्त 2021 तक चालू रहेंगे.

नयी तबादला नीति के अंतर्गत अब राज्य के कर्मचारी/ अधिकारी अपना स्थानांतरण संबंधित विभाग से करवा सकेंगे.

वहीँ फर्जी ट्रांसफर पत्र को लेकर सांसद और विधायकों के फर्जी लेटरहेड पर शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों के ट्रांसफर की अनुसंशा के मामले में दो और जालसाज गिरफ्तार हुए है.

कार्यवाहक इंस्पेक्टर करण सिंह और एसआई घनश्याम दांगी की टीम ने दोनों आरोपियों को शाजापुर से किया गिरफ्तार किया है.

राजगढ़ सांसद रोडमल नागर का प्रतिनिधि रह चुका है मुख्य आरोपी लाल सिंह राजपूत।

लाल सिंह राजपूत अपने दोस्त कमल प्रजापति की मदद से करवाता था फर्जी कागजात तैयार।

आरोपियों ने राजगढ़ सांसद रोडमल नागर भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर,देवास सांसद महेंद सिंह सोलंकी और होशंगाबाद सांसद उदय प्रताप सिंह के नाम के फर्जी लेटरहेड पर कर्मचारियों के ट्रांसफर की की थी अनुशंसा।

तकनीकी जांच और ट्रांसफर की सिफारिश करवाने वाले सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों से पूछताछ के बाद आया था लाल सिंह का नाम सामने।

दोनों के कब्जे से कंप्यूटर, प्रिंटर और मोबाइल फोन जब्त किए गए।

आरोपी लालसिंह के खिलाफ मोहन बड़ोदिया थाने में दो अपराध है दर्ज।

मामले में पहले 5 आरोपियों को क्राइम ब्रांच कर चुकी है गिरफ्तार।