कमल नाथ सरकार ने अपने छोटे से कार्यकाल के दौरान कार्य संस्कृति को नए सिरे से परिभाषित और स्थापित किया है। यह संस्कृति योग की है। छह माह में एक जवाबदार-जिम्मेदार सरकार चलाते हुए मुख्यमंत्री कमल नाथ ने सिर्फ काम करके दिखाया है। महंगे समारोहों और स्व-प्रचार का मोह न पालकर उन्होंने यह बताया कि मूल काम जनता की सेवा है। उन्हें सिर्फ काम करना पसंद है।
मध्यप्रदेश में गरिमामय कार्यं संस्कृति की नींव 17 दिसम्बर 2018 को रखी गई जब श्री कमल नाथ ने बतौर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वे अनुभवी और उन नेताओं में से एक है, जो विकास और विजन की पहली सीढ़ी चढ़कर अंतिम सीढ़ी तक जाना जानते हैं। खाली खजाने के बीच उन्होंने बहुत शालीनता और खामोशी के साथ बीस लाख किसानों का कर्जा माफ कर दिया। यह उनका पहला वचन था जो उन्होंने मुख्यमंत्री का पद सम्हालते ही पूरा किया। समारोह और यात्राओं से दूर रहकर कमल नाथ जी काम में विश्वास किया। वे आत्म प्रचार से दूर हैं।
किसान की समृद्धि
इतिहास की सबसे बड़ी कर्ज माफी के बाद मुख्यमंत्री कमल नाथ ने इसे किसानों की खुशहाली नहीं राहत देने वाला कदम बताया। उन्होंने कहा कि खुशहाली तब किसानों के चेहरे पर आएगी जब उसमें अधिक उत्पादन का पूरा उपयोग हो और किसानों को अपनी लागत का दोगुना मूल्य मिले। ऋण माफी के बाद उन्होंने समर्थन मूल्य से प्रति क्विंटल 160 रुपये अधिक देकर किसानों को उनकी उपज का उचित दाम देने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाया। इससे 18 लाख किसान लाभान्वित हुए। इस साल प्याज उत्पादक किसानों को पिछले साल की तरह अपनी प्याज सड़क पर नहीं फेंकना पड़ी क्योंकि कमल नाथ सरकार ने समय रहते मुख्यमंत्री कृषक-प्याज प्रोत्साहन योजना में भावांतर योजना के जरिए किसानों से प्याज खरीदने का इंतजाम कर दिया। लगभग ढाई लाख मीट्रिक टन प्याज का मंडी में विक्रय किया गया। भावांतर योजना में अंतर की 514 करोड़ की राशि 2 लाख 60 हजार से अधिक मक्का किसानों के बैंक खातों में जमा की गई।
युवाओं को अवसर
बेरोजगारी की चुनौती से निपटने के लिए पहले दिन से चिंतित कमल नाथ सरकार ने सरकार में आते ही युवाओं से किए गए वचन को निभाया। युवा स्वाभिमान योजना शुरू कर युवाओं को 100 दिन के रोजगार की गारंटी दी। इससे युवाओं को 4000 रुपये वजीफा और कौशल विकास का प्रशिक्षण मिलना शुरू हो गया। जिससे 6 लाख 50 हजार से अधिक युवा लाभान्वित हो रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में 39 हजार 939 बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध करवाए गए हैं।
निवेश के लिए विश्वास का वातावरण
अब मध्यप्रदेश में औद्योगिक और निवेश सिर्फ नारा नहीं बल्कि जमीनी हकीकत है। सरकार में आते ही प्रदेश और युवाओं के हित में एक बड़ा फैसला लिया गया। अब प्रदेश में स्थापित होने वाले उद्योगों में 70 प्रतिशत रोजगार प्रदेश के युवाओं को देना जरुरी है।
हाल ही में मुख्यमंत्री ने एक ऐतिहासिक पहल और की जिससे जिन निवेशकों का मध्यप्रदेश में विश्वास कम हो चला था उसकी वापसी हुई। मात्र सात दिन में रुपये 6 निवेश प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। 6 हजार करोड़ से अधिक के इस निवेश से प्रदेश के 7600 युवाओं को रोजगार मिलेगा। इन्दौर में कन्फेशनरी क्लस्टर, जबलपुर में मिष्ठान एवं नमकीन क्लस्टर और चार प्रमुख टेक्सटाइल पार्कों को मंजूरी दी गई है। यह ऐसे फैसले हैं जो प्रदेश की आर्थिक गतिविधियों को न केवल बढ़ायेंगे बल्कि इससे प्रदेश पर लगे बेरोजगारी के दाग को मिटाने में भी मदद मिलेगी।
ऊर्जा
ऊर्जा के नकली संकट से उबरने के लिए कमल नाथ सरकार ने जो दृढ़इच्छा शक्ति दिखलाई उससे उन लोगों के मंसूबे ध्वस्त हो गए जो सरकार को बदनाम करने के लिए हद दर्जे से नीचे गिर गए थे। अघोषित बिजली कटौती पर सख्ती से रोक लगाते हुए मेंटेनेंस के लिए की जाने वाली घोषित कटौती की सूचना समय पूर्व और उपभोक्ताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए की जा रही है।
इस वर्ष पिछले वर्ष की अपेक्षा 16.2 प्रतिशत अधिक बिजली की माँग की पूर्ति की गई। बिजली समस्या और शिकायतों के तत्काल समाधान के लिए कॉल सेंटर की संख्या भी बढ़ाई गई।
वचन-पत्र के मुताबिक इंदिरा गृह ज्योति योजना में 100 यूनिट खपत करने पर 100 रुपये का बिजली बिल देने का निर्णय लागू हुआ। इससे 62 लाख बिजली उपभोक्ता लाभान्वित हो रहे हैं। इंदिरा किसान ज्योति योजना में वचन के मुताबिक कृषि पंपों का बिल आधा करने से 18 लाख किसान लाभान्वित हो रहे हैं।
पानी का अधिकार
पानी का अधिकार एक बड़ा निर्णय है, जो व्यक्ति की तीन-चार बुनियादी जरूरतों में से एक की पूर्ति की दशा में आने वाले समय में नजीर बनेगा। पानी की उपलब्धता लोगों का अधिकार बने, इसके लिए ‘राइट टू वाटर’ एक्ट मध्यप्रदेश में बनने जा रहा है।
शासकीय भूमि उपयोग का अधिकार
रोजगार देने और गौ-पालन संरक्षण की दिशा में कमल नाथ सरकार ने बीते छह माह में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया वह था उद्यानिकी फसलों के लिए बेरोजगारों को शासकीय भूमि के उपयोग का अधिकार देने का। इसी तरह जो व्यक्ति या संस्था गौ-शाला खोलेगी उसे भी शासकीय भूमि के उपयोग का अधिकार सरकार देगी। इससे जहाँ एक ओर हमारे प्रदेश के युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगा वहीं गौ-माता के संरक्षण के लिए स्थान उपलब्ध होगा।
बीते छह माह में कमल नाथ सरकार द्वारा लिए गए फैसले और किए गए कामों की एक लम्बी फेहरिस्त है। इन फैसलों से प्रदेश का हर वर्ग प्रभावित हुआ है उसके जीवन में बदलाव की एक नई दस्तक दिखलाई देती है। मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि छह माह में किसी सरकार के कामकाज का आकलन नहीं किया जा सकता। फिर भी यह कहा जा सकता है कि कमल नाथ सरकार ने छह माह में जिस तेजी से काम किया है, वह प्रदेशवासियों को आश्वस्त करता है कि आने वाले 5 साल बेहतरी के होंगे, खुशहाली के होंगे, तरक्की के नए शिखर पर को प्रदेश छुएगा और सच्चे अर्थों में मध्यप्रदेश समृद्ध होगा।