पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह नए सियासी समीकरण की तैयारी में हैं। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के एक माह बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भविष्य को लेकर अपने पत्ते खोलने शुरू कर दिए है। वह 2022 के पंजाब विधानसभा के चुनाव को लेकर अपनी राजनीतिक पार्टी बनाने जा रहे हैं । इसके साथ ही वह भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन भी कर सकते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का अब भाजपा को लेकर कहना है कि वह (भाजपा) सांप्रदायिक व मुसलमान विरोधी पार्टी नहीं है। कैप्टन का यह बयान इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि चर्चा रही है कि भाजपा कैप्टन के माध्यम से किसान आंदोलन का हल निकालना चाहती है।
कैप्टन अमरिंदर ने एक इंटरव्यू में संकेत दिए कि दिल्ली में सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहा किसान आंदोलन जल्दी ही एक प्रस्ताव की तरफ आगे बढ़ सकता है। इसमें केंद्र सरकार किसानों से बात करेगी। उन्होंने कहा कि कृषि सुधार कानूनों का मसला हल होने के बाद ही वे BJP के साथ गठबंधन करेंगे।
दिल्ली में एक अंग्रेजी वेबसाइट से की गई बातचीत के दौरान कैप्टन ने खुलासा किया कि वह अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी बनाएंगे, जो भाजपा, अकालियों के अलग-अलग दलों के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन करने की संभावना तलाशेगी। कैप्टन ने कहा कि कृषि कानून से पहले पंजाब में केंद्र सरकार के खिलाफ कोई समस्या नहीं थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कृषि कानूनों की समस्या का समाधान खोजने की कोशश कर रहे है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि विधान सभा चुनाव से पूर्व तीन केंद्रीय कृषि कानून का समाधान निकाल लिया जाएगा। वहीं, कैप्टन ने कहा है कि भाजपा सांप्रदायिक व मुस्लिम विरोधी पार्टी नहीं है। पंजाब में कभी भी हिंदू, सिख व मुस्लिम के बीच कोई समस्या नहीं रही।