भोपाल। महंगाई के मुद्दे पर मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस ने अपने जनजागरण अभियान की शुरुआत कर दी है। दो हफ्ते तक चलने वाले इस अभियान का सोमवार को आगाज़ हो गया। इस अभियान में कांग्रेस पार्टी जनता को मोदी सरकार की विफल नीतियों के प्रति जागरुक करेगी। इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी के तमाम नेता इस अभियान में जनता से संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं को भी सुनेंगे।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने जन जागरण अभियान की शुरुआत करते हुए मोदी सरकार की नीतियों पर हमला बोला। कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी सरकार की विफल नीतियों और फैसलों के कारण ही आज देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है। देश की जनता महंगाई की मार झेल रही है, बेरोज़गारी की समस्या बढ़ती जा रही है। कांग्रेस नेता ने कहा कि इस अभियान के दौरान कांग्रेस पार्टी कोरोना को लेकर भाजाप सरकार के कुप्रबंधन से भी जनता को अवगत कराएगी।
रविवार को अल्प प्रवास पर जबलपुर पहुंचे दिग्विजय सिंह सर्किट हाउस में मीडिया से मुखातिब थे। सलमान खुर्शीद की पुस्तक पर बैन लगाने संबंधी बयान पर तंज कसते हुए कहा कि गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का किताब और पढ़ाई लिखाई से कोई नाता नहीं है। धर्म की राजनीति बंद करनी होगी।
उन्होंने भाजपा को चैलेंज देते हुए कहा कि मुझसे बेहतर कोई हिंदू हो तो बता दो। आज एकादशी है। कितने भाजपा के लोग एकादशी का व्रत रखते हैं? यदि रखते हैं, तो बता दें। मैं 40 साल से रखता हूं। बात यही है कि इनके लिए हिंदू धर्म आस्था का प्रश्न नहीं है। ये इनका राजनीतिक हथियार है।
आदिवासियों का शोषण करना बीजेपी का चरित्र
दिग्विजय सिंह ने कहा कि बीजेपी आदिवासियों की हितैषी नहीं हो सकती है। नेमावर में तीन आदिवासी युवक, युवती और उसकी मां को मार कर जमीन में दफना दिया गया। आदिवासी समाज और हम लोग आवाज नहीं उठाते तो मामला दबा दिया गया होता। मारने वाला भाजपा का था। बचाने कृषि मंत्री कमल पटेल पहुंचे थे।
आदिवासियों पर खर्च होने वाली 13 करोड़ की रकम से हो रहा सम्मेलन
15 नवंबर को बिरसा मुंडा का जन्मदिन मनाने पीएम नरेंद्र मोदी भोपाल आ रहे हैं। उनका स्वागत है, लेकिन मेरा प्रश्न है कि आदिवासियों के लिए आवंटित राशि से 13 करोड़ की रकम खर्च कर बीजेपी का सम्मेलन कराना कहां तक उचित है। सबसे अधिक चंदा वसूलने वाली पार्टी अपने खर्चें से क्यों नहीं आदिवासी सम्मेलन करा रही।