अलंगारम अरोकिया सेबेस्टिन दुरईराज, एसवीडी अब भोपाल के नए आर्चबिशप के रूप में शनिवार को पद ग्रहण करेंगे I
अलंगारम अरोकिया सेबेस्टिन दुरईराज, एसवीडी का जन्म 3 मई, 1957 को तमिलनाडु में मदुरै धर्मप्रांत के थिरुनगर में हुआ था।
वह श्री अलंगारम और श्रीमती रोजरी से उत्पन्न चार बच्चों में से पहली संतान हैं। गृहनगर और मदुरै में प्राथमिक विद्यालय में भाग लेने के बाद, वह 1971 में सोसाइटी ऑफ द डिवाइन वर्ड से जुड़कर तिरुचिरापल्ली में सेंट चार्ल्स सेमिनरी में अध्ययन हेतु चले गए । जब वे सेंट चार्ल्स सेमिनरी त्रिची, तमिल नाडु में थे प्री-यूनिवर्सिटी कोर्स पूरा किया । उन्होंने 1975 में इंदौर के पालदा सेमिनरी में अपना धार्मिक अध्ययन पूरा किया और पी.एम.बी. गुजराती साइंस कॉलेज, इंदौर और गवर्नमेंट आर्ट्स एंड कॉमर्स कॉलेज, इंदौर में मनोविज्ञान में एम.ए. किया।
उन्होंने इंदौर के कैथोलिक आश्रम खुर्दा में नव प्रशिक्षु के रूप में धार्मिक गठन और बौद्धिक प्रशिक्षण प्राप्त किया और 1979 में पहली मन्नत ली । उन्होंने ज्ञान दीप विद्यापीठ, पुणे में अपना धर्मशास्त्रीय अध्ययन किया और 12 जून, 1984 को आखरी मन्नत ली फिर 8 मई, 1985 को थिरुनगर, मदुरै में उनका पुरोहिताभिषेक हुआ । । इसके बाद, उन्होंने मेघनगर (झाबुआ) में सेवा की और झाबुआ में सह-पादरी (1985-1987) बने । उन्होंने एसवीडी विद्या भवन, भोपाल (1987-1988) के प्रोक्यूरेटर के रूप में भी कार्य किया, जूनियरेट पल्दा में छात्रों के प्रशासक (1988-1993), ख्रीस्त प्रेमालय क्षेत्रीय दर्शनशास्त्र भोपाल में आध्यात्मिक निदेशक, भोपाल (1995-1996), एसवीडी विद्या भवन, भोपाल में रेक्टर, (1996-1999), सहायक निदेशक, स्नेहालय, इंदौर में आध्यात्मिकता केंद्र (2003-2004) और एसवीडी विद्या भवन फिलोसोफेट, भोपाल में रेक्टर (2004-2005) जैसे अहम् जिम्मेदारियों को संभाला ।
2005 में, उन्हें एसवीडी मध्य भारतीय प्रांत का प्रांतीय सुपीरियर चुना गया और 2008 में फिर से चुने गए। उनके पास शिकागो में लोयोला विश्वविद्यालय से परामर्श में स्नातकोत्तर डिग्री (एम.एड.) और पिट्सबर्ग में ड्यूक्सने विश्वविद्यालय (अमेरीका) में काउंसलर शिक्षा में डॉक्टरेट है। । उन्हें 11 मई, 2009 को पोप बेनेडिक्ट सोलहवें द्वारा खंडवा का बिशप नियुक्त किया गया और 16 जुलाई, 2009 को उन्होंने बिशप का पद ग्रहण किया । उन्हें 4 अक्टूबर 2021 को पोप फ्रांसिस द्वारा भोपाल के आर्चबिशप के रूप में घोषित किया गया था और उन्हें आर्च बिशप के रूप में 27 नवंबर 2021 दोपहर 3 बजे धार्मिक रीति से स्थापित किया जाएगा।
खंडवा के बिशप के रूप में अपने 12 वर्षों के दौरान उन्होंने 3 नए पल्लियों का निर्माण किया, 2 अंग्रेजी माध्यम के स्कूल, कई हिंदी मीडियम स्कूलों का जीर्णोद्धार, गरीब छात्रों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 4 नए छात्रावासों का निर्माण, किसानों के बीच शुरू की सामाजिक सेवा गतिविधियों, लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए स्कूल, गरीबों के लिए घर बनाए। बिशप दुरई राज बहुत दयालु, मृदुभाषी हैं और एक प्रभावी प्रशासक के असंख्य गुणों से युक्त हैं। महाधर्मप्रांत परिवार भोपाल में उनका हार्दिक स्वागत करता है और नए प्रयासों के लिए उन्हें शुभकामनाएं देता है।
महाधर्मप्रांत परिवार ने आर्च बिशप लियो को उनकी पुरोहिताई की 50वीं वर्षगांठ पर बधाई दी और उनके 14 वर्षों के उनके गतिशील नेतृत्व के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। हम उन्हें बहुत याद करेंगे।