दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से पॉजिटिविटी दर नहीं बढ़ रही है और लगभग 25 फीसदी के आस-पास बनी हुई है। इसके साथ- साथ अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी स्थिर बनी हुई है। यह एक संकेत हो सकता है कि कोरोना का पीक अब आ चुका है। हालांकि इसका मतलब यह बिलकुल नहीं है कि अभी कोरोना खत्म हो गया है। कोरोना अभी भी है और अपने चरम पर है। लोगों को सरकार के सभी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करना चाहिए, ताकि जल्द से जल्द कोरोना के मामलों पर काबू पाया जा सके। उन्होने कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में कुल 85 फीसदी बेड अभी भी उपलभ्ध हैं और स्तिथि पूरी तरह से नियंत्रण में है। सरकार स्तिथि पर नज़र बनाए हुए है और कोरोना के बढ़ते मामलों को कंट्रोल करने के लिए नियम लागू किए जा रहे हैं। उदाहरण के तौर पर हाल ही में दिल्ली सरकार ने एक आदेश जारी कर सभी प्राइवेट संस्थाओं को ‘वर्क फ़्रोम होम’ करने के निर्देश जारी किए। इसके साथ-साथ सभी खाने-पीने के रेस्टोरेंट को बंद किया गया है और सिर्फ होम डेलीवेरी चालू है।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बुधवार को प्रेस वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने दिल्ली में कोरोना के मामलों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होने कहा कि दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से 20 हज़ार के करीब मामले रोजाना आ रहे हैं और पॉजिटिविटी दर लगातार 25 फीसदी के आस-पास बनी हुई है। इसके अलावा अस्पतालों में भर्ती होने वाले लोगों कि संख्या दर भी अभी बढ़ती हुई नज़र नहीं आ रही है, जो की एक अच्छा संकेत है। कोरोना के लिए मौजूदा कुल 14621 रिजर्व बेड में से अभी केवल 2209 बेड पर ही मरीज हैं और 12412 बेड अभी भी खाली हैं। यानि 85 फीसदी बेड अभी भी उपलब्ध हैं। ज़रूरत पड़ने पर दिल्ली सरकार इन्हें बढ़ाने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
उन्होने बताया कि पिछले कुछ दिनों से पॉजिटिविटी दर 25 फीसदी के आस-पास बनी हुई है। यह एक संकेत हो सकता है कि कोरोना का पीक अब आ चुका है। मैं उम्मीद करता हूं कि कोरोना का यह पीक जल्द से जल्द आकर ख़त्म हो, ताकि दिल्ली और देश में कोरोना के मामले कम हों। लोगो को इसके प्रकोप से निजात मिल सके।