भोपाल : मध्य प्रदेश सरकार अब आयुष्मान योजना से आगे महा आयुष्मान योजना लाने जा रही है. 15 अगस्त से ही इस योजना की शुरुआत करने का टारगेट रखा गया है. सरकार की मंशा है कि आयुष्मान योजना से आगे का काम भी साथ ही शुरू किया जाए. इसके पीछे तर्क ये दिया जा रहा है कि आयुष्मान योजना अधूरी है, उसे कांग्रेस सरकार बड़े टारगेट के साथ पूरा करेगी. इसमें मध्य प्रदेश सरकार प्रदेशवासियों को स्वास्थ्य का अधिकार के तहत शामिल करेगी. यानी महा आयुष्मान में केवल गरीब नहीं, बल्कि प्रदेश का हर बाशिंदा इसके दायरे में आएगा और उसे मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगा. इस योजना को मोदी की योजना की ओवरलैपिंग भी बताया जा रहा है.

48 लाख परिवारों को मिलेगा फायदा
आयुष्मान में इलाज का हक केवल गरीबों के पास है. मध्य प्रदेश में इसके तहत 1 लाख 40 हजार गरीब परिवारों को इसका फायदा मिलता है. लेकिन महा आयुष्मान में गरीब के अलावा मिडिल और अपर क्लास को भी इस दायरे में शामिल किया जाएगा. प्रदेश के करीब 48 लाख परिवारों को इसका फायदा मिलेगा. सरकार इस तर्क के साथ महा आयुष्मान की तैयारी में जुटी है कि उसने अलग-अलग प्रदेश में आयुष्मान योजना की रिपोर्ट ली और इसके बाद राइट टू हेल्थ की मंशा लेकर महा आयुष्मान की तैयारी पूरी कर ली है.

विपक्ष का आरोप, सात महीने में एक भी वायदा पूरा नहीं हुआ
महा आयुष्मान योजना पर बीजेपी ने सरकार की मंशा पर निशाना साधा है. बीजेपी सरकार में मंत्री रहे उमाशंकर गुप्ता ने कहा कि ‘एक मंत्री राइट टू हेल्थ की बात कर रहे हैं और दूसरे डॉक्टरों को लताड़ रहे हैं. इसके मायने ही यही हैं कि सरकार योजना के असफल होने पर अभी से ही बहानेबाज़ी करने लगी है. गुप्ता ने कहा कि बीते सात महीने के दौरान केवल कांग्रेस सरकार कहने का काम ही कर रही है, करके कुछ नहीं दिखा रही. कांग्रेस सात महीने में एक भी वायदा निभा नहीं पाई है और अब डॉक्टरों के सिर ठीकरा फोड़ा जा रहा है. जाहिर है ये योजना के असफल होने पर भी कहा जाएगा.

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