रायपुरः सीमावर्ती राज्य आंध्र प्रदेश में सुकमा जिले के 16 बच्चों को ठेकेदार द्वारा विगत दो महीने से बंधक बनाकर भवन निर्माण कार्य मे मजदूरी कराया जा रहा था. शुरुआती दिनों में बच्चों की घर वालों से बात हुई थी, लेकिन बाद में संपर्क बंद हो गया. जिसको देखते हुए परिजनों से जिला बाल संरक्षण विभाग से संपर्क किया. जैसे ही यह मामला कलेक्टर चंदन कुमार के सामने आया उन्होंने तुरंत जिला बाल संरक्षण और पुलिस विभाग की एक संयुक्त टीम बनाकर बच्चों को रिहा कराने आंध्र प्रदेश भेजा, जहां से यह टीम बच्चों को सकुशल रिहा कराकर वापिस सुकमा ले आई और उनके परिजनों को सुपुर्द किया.
बता दें जिले के 16 बच्चें जिसमें 6 लड़के और 10 लड़कियां शामिल थीं उन्हें आंध्र के ठेकेदार बहला-फुसला कर काम करवाने के लिए विजयवाड़ा शांति नगर आन्ध्र प्रदेश ले आया और अध्ययनरत बच्चों को बंधक बनाकर उनसे मजदूरी कराने लगा. बच्चों के माता-पिता की जिस फोन पर बच्चों से बात होती थी वह नंबर देते हुए बच्चों के माता पिता ने पुलिस को एक पत्र लिखा और बच्चों को ठेकेदार के कब्जे से रिहा कराने के लिए कहा.