हरेली त्योहार छत्तीसगढ़ में धूमधाम से मनाया जा रहा है, पूरा प्रदेश ही नहीं बल्कि विदेश मे भी रह रहे लोग इसका आनंद उठा रहे है I अमेरिका से पाठकों के लिए विशेष आर्टिकल: हिन्दी और इंग्लिश दोनों में:-
(Founder & Executive President North America Chhattisgarh Association -NACHA) Chicago, America)
भारत का धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ राज्य त्योहारों से भरा हुआ है और त्योहारों की श्रृंखला हरेली से शुरू होती है।यह अंधेरे से उज्ज्वल भविष्य में परिवर्तन को दर्शाता है।बेशक बेहतर कल की उम्मीद।छत्तीसगढ़ की ग्रामीण कृषि संस्कृति,परंपरा एवं आस्था सदियो पुरानी है।प्रकृति जब हरियाली रूपी चादर को ओढ़ती है तो किसानो के चेहरे पर भीनी मुस्कान श्रम की सारी थकान को मिटा देती है।वे धरती माता के साथ कृषि यंत्रों की भी पूजा करते है।सात समंदर पार आज हम सभी भी हरेली उत्सव के रंग में रँगे हुए है।ताकि आने वाली पीढियां भी प्रकृति के उत्सव के महत्व को समझ सके।गुड़ की चीला बनाकर पूजा अर्चना करके हमने भी प्रकृति को अभिवादन किया है।हम सभी का अस्तित्व मूल रूप से कृषि से ही जुड़ा हुआ है।कोई चाहे जितना भी बड़ा हो जाये प्रकृति से ऊपर नही हो सकता इस बात का पर्याय हरेली उत्सव में समाहित है।जब किसान अच्छी फसल की कामना करते हुए पूजा अर्चना करते है हरियाली की देवी प्रसन्न होती है और समृद्धि की हरी चादर से खेतों को हरा भरा कर देती है।यह पारंपरिक त्योहार खुशियां लेकर आता है।छोटे बच्चों से लेकर बड़ो तक “गेड़ी” का आनन्द लिया जाता है।गेड़ी मूलतः बांस के द्वारा बनाया गया लम्बी छड़ी की एक जोड़ी होती है जिस पर विशेष रूप से चढा जाता है और उसी के द्वारा चलते है।यह वाकई में अद्भुत है।त्योहार से हमारे जीवन मे एक नई ऊर्जा का संचार होता है।छत्तीसगढ़ का प्रथम लोक पर्व हरेली सभी के दिलो में खुशियां और समृद्धि लेकर आती है।
NACHA के सभी सदस्यों द्वारा हरेली पर्व के लिए छत्तीसगढ़ वासियो के लिए शुभकामनाएं प्रेषित किया गया है।जब किसान खुशहाल और समृद्ध होता है तो आम लोगों के जीवन मे भी खुशहाली और संपन्नता आती है। घरों के प्रवेश द्वार पर नीम के पेड़ की शाखाएं मेरे पैतृक घर छत्तीसगढ़ में आज भी लगाई जाती हैं।यह पारंपरिक त्यौहार वैज्ञानिक आधार की भी पुष्टि करता हैं।हमें छत्तीसगढ़ की समृद्ध कला संस्कृति तीज त्योहार एवं परंपराओं पर गर्व की अनुभूति होती है।यकीन मानिए प्रकृति के पास आपको देने के लिए बहुत कुछ है।उत्सव मनाएं साथ ही स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है ताकि दुसरो लोगो को किसी प्रकार से कोई तकलीफ न हो।इस त्योहार ने वास्तव में मुझे जिंदगी के गहरे अर्थो को समझाया है।
मेरी तरफ से पूरे छत्तीसगढ़ वासियो को हरेली की बधाई और शुभकामनाएं .
Shri Ganesh Kar ( Founder & Executive President North America Chhattisgarh Association -NACHA ) Chicago , USAHareli,
a festival associated with the identity and folk culture of Chhattisgarh. The state of Chhattisgarh, which is called the rice bowl of India, is full of festivals and the chain of festivals starts from Hareli. It signifies the change from dark to bright future. Of course a better tomorrow The hope of Chhattisgarh’s rural agricultural culture, tradition and faith is centuries old. Today we are all drenched in the colors of green festival across the seven seas. So that the coming generations can also understand the importance of the festival of nature. The existence of all of us is basically connected with agriculture. No matter how big one can be above nature, the synonym of this is contained in the Hareli festival. When farmers offer prayers for a good harvest, greenery The goddess is pleased and makes the fields green with a green sheet of prosperity. This traditional festival brings happiness. “Gedi” is enjoyed from small children to adults. Gedi is basically a pair of long sticks made of bamboo which is specially mounted and moved by it. It is really wonderful. A new energy is infused with the festival. Hareli, the first folk festival of Chhattisgarh, brings happiness and prosperity in everyone’s heart. Greetings have been sent by all the members of NACHA to the people of Chhattisgarh on the occasion of Hareli festival. When the farmer is happy and prosperous, then there comes happiness and prosperity in the life of the common people. Neem tree branches are planted at the entrance of houses even today in my ancestral home in Chhattisgarh. This traditional festival also confirms the scientific basis. We feel proud of Chhattisgarh’s rich art culture, Teej festival and traditions. Believe it nature has a lot to offer you. Celebrate the festival as well as need to take special care of cleanliness so that other people don’t have to suffer in any way. Don’t worry. This festival has really explained to me the deeper meaning of life. Greetings and best wishes to all the people of Chhattisgarh from my side!It is great to see that Government is making such initative to promote our festivals, for this I thank Hon’ble CM