कोल इंडिया परिवार का बच्चा मास्टर चिन्मय प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठकर चंद्रयान-टू की चंद्रमा पर लैंडिंग का गवाह बनेगा। कोल इंडिया ने अपने ट्विटर एकाउंट से मास्टर चिन्मय की तस्वीर जारी करते हुए लिखा है कि पीएम मोदी संग चिन्मय को भी इसरो की ओर से आमंत्रण मिला है। महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) डीएवी पब्लिक स्कूल में मास्टर चिन्मय चौधरी आठवीं कक्षा के छात्र हैं। 7 सितंबर को चांद पर चंद्रयान-2 की लैंडिंग देखने के लिए चिन्मय को बेंगलुरु आमंत्रित किया गया। ओडिशा के झारसुगुड़ा जिले के एमसीएल के लखनपुर क्षेत्र की केमिस्ट, दीप्ति रानी पटेल और पंकजा कुमार चौधरी के पुत्र चिन्मय डीएवी पब्लिक स्कूल, बंडाबहाल में पढ़ाई कर रहा है।
स्पेस क्विज 2019 में शीर्ष स्कोरर होने के नाते, चिन्मय को चंद्रमा पर चंद्रयान -2 की लैंडिंग देखने के लिए बेंगलुरु के इसरो सुविधाकेंद्र में आमंत्रित किया गया है।
कोल इंडिया के साथ-साथ एमसीएल की ओर से भी विशेष उपलब्धि के लिए मास्टर चिन्मय एवं उनके माता-पिता को बधाई दी है।
उपग्रह लॉन्चिंग की गति से अलग होगा
एक सेकंड से भी कम समय में विक्रम ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा। इसरो चेयरमैन के शिवन ने बताया कि यह तेज गति से अलग होगा जैसे कोई उपग्रह लॉंच किया गया हो।
अमेरिका अंतरिक्ष यात्री भेजेगा
चंद्रयान-2 चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा। अभी तक कोई भी देश यहां तक नहीं पहुंचा है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा पांच साल बाद यहां अपने अंतरिक्ष यात्री उतारने की योजना बना रहा है।
भारत के मिशन पर दुनिया की टकटकी
चंद्रयान-2 की लैंडिंग पर पूरी दुनिया की नजर है। नासा के पूर्व अंतरिक्ष यात्री डोनाल्ड ए थॉमस ने रविवार को कहा कि पूरी दुनिया इसे टकटकी लगाए देख रही है। हम चंद्रमा के भूमध्य रेखा के पास उतर चुके हैं, लेकिन दक्षिण ध्रुव पर कभी नहीं गए। यह हमारे लिए बेहद खास है, क्योंकि यहां बर्फ मिलने की उम्मीद है। बर्फ मिली तो पानी व उससे ऑक्सीजन मिल मिलने की संभावना है।