दुर्ग.  भिलाई (Bhilai) स्थित रुआबांधा बस्ती में हुए नरबलि प्रकरण के आरोपियों को दी गई फांसी की सजा को सुप्रीम कोर्ट ने सही माना है. सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय खंडपीट ने हाईकोर्ट के फैसले को न्यायसंगत पाया. इस फैसले के बाद अब कथित तांत्रिक इश्वर लाल यादव और उसकी पत्नी किरण बाई को मौत की सजा होगी. दंपति ने दो साल के बच्चे का अपहरण कर उसकी बलि दे दी थी. बता दें कि इस मामले में सात आरोपियों को तत्कालीन जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने मार्च 2014 में फांसी की सजा सुनाई थी. अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के इस फैसले को बरकरार रखा है.

घटना 23 नवंबर 2011 की है. आरोपी दंपति खुद को तांत्रिक बताते थे. उनके शिष्य भी थे. कथित तांत्रिक इश्वर यादव और उसकी पत्नी किरण इस घटना में शामिल थे. जानकारी के मुताबिक, दंपति ने शिष्यों के साथ योजना बनाई और अपने पड़ोस में रहने वाले पोषण सिंह के दो साल के बेटे का अपहरण कर लिया और उसकी हत्या कर दी. साक्ष्य छिपाने के लिए आरोपियों ने बच्चे के शव को दफना दिया था. शक के आधार पर जब आरोपी दंपति से पूछताछ की गई तब पूरे मामले का खुलासा हुआ.  पुलिस की जांच में एक और बच्ची की हत्या की बात सामने आई थी. दुर्ग कोर्ट में चल रहे इस मामले का फैसला साल 2014 में आया, जिसे एक एतिहासिक फैसला बताया गया. मामले में न्यायालय ने सभी आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *