दिल्ली: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने दिल्ली एनसीआर में डीजल जनरेटर का उपयोग करने की अनुमति देने के मामले पर बड़ी टिप्पणी की है. एनजीटी ने कहा कि नागरिको को साफ हवा में साँस लेने का मौलिक अधिकार है. बता दें कि नागरिक सार्वजनिक क्षेत्र की वितरण कंपनी द्वारा डीजल जनरेटर का उपयोग करने की अनुमति देने की याचिका एनजीटी में दायर की हई थी. याचिका को खारिज करते हुए एनजीटी ने कहा कि लोग ताजा हवा में सांस लेने के हकदार हैं.

बता दें कि एनजीटी में दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा दायर याचिका पर पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण (EPCA) के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी. याचिका के जरिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए डीजल जेनरेटरों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने वाले पर्यावरण प्रदूषण (निवारण एंव नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) के आदेश से राहत की मांग की गई थी.

याचिकाकर्ता ने कहा था कि उसे बिजली वितरण करने का दायित्व पूरा करना है, लेकिन तकनीकी अव्यवहार्यता की वजह से समूचे इलाके में बिजली वितरण करने की सीमाएं हैं. दरअसल EPCA ने 9 अक्टूबर को आदेश दिया था कि 15 अक्टूबर से शुरू होने वाले गुड़गांव, फरीदाबाद, नोएडा और गाजियाबाद जैसे दिल्ली और आसपास के शहरों में डीजल जनरेटर सेट पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा. बता दें कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) दिल्ली एनसीआर और उसके आस पास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण पर कड़ा रुख अपनाए हुए हैं.

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