रायपुर। कैशलेस हास्पिटल के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले श्री सत्यसाईं संजीवनी अस्पताल ने बेटी के बाद मां को दिल की बीमारी से निजात दिलाई। कांटाभांजी ओडिशा में रहने वाली मां-बेटी को इलाज में पांच लाख रुपए तक खर्च करने पड़ते, मगर यहां उनका इलाज निशुल्क हो गया। कांटाभांजी ओडिशा निवासी धर्मेंद्र दास पेट्रोल पंप में काम कर अपने परिवार का लालन-पालन करता है। कुछ साल पहले उसके बेटी स्नेहा को अक्सर सर्दी-खांसी और खेलने पर जल्दी थकान की शिकायत की जांच में दिल की बीमारी की पुष्टि हुई। संबलपुर के अस्पताल में जांच के बाद बीमारी का इलाज नहीं होने पर वे बेंगलुरु गए, जहां अस्पताल में उसके आपरेशन पर पांच लाख रुपए तक खर्च आना बताया गया। लगभग 75 हजार रुपए खर्च करने के बाद उन्हें सत्यसाईं अस्पताल की जानकारी हुई और वे इलाज के लिए यहां पहुंचे। यहां के डाक्टरों ने बच्ची की सर्जरी कर उसे ठीक कर दिया। परिवार खुशी-खुशी घर लौटा। कुछ समय बाद धर्मेंद्र की पत्नी आरती को बेचैनी के साथ सीने में दर्द की शिकायत उठने लगी। जांच में उसे जन्म से पेटेंट डक्टस आर्टेरियोसेस ;पीडीएद्ध नामक बीमारी का पता चला। वह इलाज के लिए सत्यसाईं हास्पिटल पहुंची, जहां इलाज के बाद उसे भी इस बीमारी से निजात मिल गई। अस्पताल के जनसंपर्क अधिकारी अजय सर्राफ ने बताया कि इलाज के बाद मां-बेटी पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं।