ग्वालियर। मीसाबंदियों की पेंशन मामले में हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने बड़ा आदेश देते हुए मीसा बंदियों की पेंशन 30 दिन में चालू करने को कहा है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि 30 दिन में शासन को ये भी बताना होगा कि मीसा बंदियों की पेंशन क्यों रोकी गई थी। इस मामले में एक मीसा बंदी ने ही हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।
बता दें कि मध्यप्रदेश में कांग्रेेस की सरकार बनने के बाद कमलनाथ सरकार ने 29 सितंबर 2018 से मीसा बंदियों की पेंशन रो दी थी। जिसके खिलाफ मीसाबंदी सीताराम बघेल ने हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में याचिका लगाई थी। शासन द्वारा पेंशन रोकने का विरोध करते हुए अपने तर्क में उन्होने याचिका में कहा था कांग्रेस सरकार आने के बाद दुर्भावना के तहत पेंशन रोकी गई है।
गौरतलब है कि भाजपा ने भी मीसाबंदियों की पेंशन रोकने का विरोध किया था, इसके साथ ही हर साल की तहर इस साल 15 अगस्त को मीसाबंदियों का सम्मान भी नही किया गया था। इसे लेकर भी भाजपा कांग्रेस सरकार पर हमलावार थी। वहीं अब हाईकोर्ट के फैसले के बाद भाजपा को सरकार को घेरने का एक मौका और मिल गया है।